-ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए परेशान हो रहे कारोबारी

VARANASI

ई-वे बिल को लेकर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। मगर, अधिकतर समय के लिए सर्वर ठप ही मिल रहा। ऐसे में जिसे जिले के बाहर माल भेजना है उसके लिए परेशानियां बढ़ जा रही है। क्योंकि पचास हजार से अधिक माल भेजने पर ई-वे बिल की जरूरत पड़ रही है। बिना बिल के माल भेजने पर सेल्स टैक्स की एसआईटी टीम माल जब्त करने के साथ ही दोगुना टैक्स भी वसूल कर रही। यही वजह है कि कारोबारी बिना ई-वे बिल के माल नहीं भेज रहे।

ऐसे होता है ई-वे बिल जेनरेट

जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों को पहले ई-वे बिल के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। बिल जेनरेट कराने के लिए उनको पोर्टल पर ही पूरे माल के ब्यौरा के साथ आवेदन करना होता है। इसके बाद कारोबारियों को ई-वे बिल आनलाइन उपलब्ध करा दिया जाता है।

बहुत से कारोबारियों को कम्प्यूटर ही चलाना नहीं आता। इंटरनेट स्लो, बिजली की आवाजाही सहित सर्वर डाउन की समस्या कारोबारियों को परेशान कर रही है। इसकी कम्प्लेन भी कई बार वाणिज्यकर अधिकारियों से की गई है।

राजेश श्रीवास्तव, महामंत्री

सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन

व्यापारियों के लिए समस्याएं अब तो आम हो गई हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से कारोबारी नियम ही समझने और उसे फॉलो करने में दिन गुजार दे रहे हैं। ई-वे बिल के चक्कर ने तो और भी परेशानियों में डाल दिया है।

प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष

विश्वेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल