-केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बैंकों से लेकर, डाकघरों, बीमा सेक्टर और रोडवेज पर हड़ताल का असर

- 250 बैंकों की शाखाएं रही हड़ताल में शामिल

- एसबीआई हड़ताल में नहीं था शामिल

- 600 करोड़ रुपयों का पूर्वाचल में बैंकिंग कारोबार प्रभावित

-18000 चेकों को निस्तारण लटका

- बीमा सेक्टर में 8 करोड़ का लेनदेन रुका

- 5 करोड़ रुपयों को लेनदेन डाकघरों में हुआ ठप

- कर्मचारी संगठनों ने गेट मीटिंग कर सरकार की नीतियों को जमकर कोसा

-निकले वाहन जुलूस, की गई सभाएं

बुधवार का दिन लोगों के लिए परेशानी से भरा रहा। सड़क पर बसों ने रुलाया तो रुटीन के काम करने के लिए बैंक, बीमा और डाकघर पहुंचे लोगों को हड़ताल के कारण मायूस होकर लौटना पड़ा। सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में तथा बारह सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों ने बुधवार को कामकाज ठप रखा। इसका सीधा असर पब्लिक के रोजमर्रा के काम काज पड़ा। एक दिनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बैंक, बीमा, डाक, आयकर, इंडियन आयल प्लांट, भेल समेत रसोई गैस प्लांट में कामकाज प्रभावित रहा। कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालय परिसरों में प्रदर्शन कर सरकार को कोसा। रोडवेज में हड़ताल का मिला जुला असर रहा इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली।

बैंकों पर बड़ा असर

हड़ताल के चलते यूनियन बैंक, पीएनबी, ओबीसी, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक सहित राष्ट्रीयकृत बैंकों की 250 शाखाओं पर ताले लटके रहे। जिसके कारण पब्लिक का बुरा हाल रहा। बैंकों में ड्राफ्ट बनवाने से लेकर बाकि रुटीन के कामों के लिए पहुंच रहे लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। हालांकि ग्रामीण बैंक की पांच शाखा को छोड़कर अन्य 55 शाखाएं खुली रहीं। इसी प्रकार जिला सहकारी बैंक की बनारस, चंदौली व भदोही की सभी 32 शाखाएं भी खुली रही। प्राइवेट बैंकों में हड़ताल का कोई असर नहीं रहा।

छह सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित

हड़ताल का सीधा असर क्लीयरिंग हाउस व रोजमर्रा के लेनदेन पर पड़ा। वाराणसी जनपद में 300 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। वहीं पूर्वाचल के चंदौली, जौनपुर, भदोही, मिजापुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र समेत अन्य जनपदों में भी कुल करीब तीन सौ करोड़ का लेनदेन थम गया। इस तरह छह सौ करोड़ के बैंकिंग कारोबार पर बड़ा असर पड़ा।

एटीएम इंटरनेट बैंकिंग से राहत

बैंकों के बंद होने से व्यापारियों व अन्य खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग तथा एटीएम ने ग्राहकों को राहत दी। वाराणसी में माइकर सेंटर, समाशोधन का कार्य पूरी तरह से ठप होने से लगभग 18 हजार से ज्यादा चेकों का निस्तारण नहीं हो सका। वहीं नकद, अंतरण समाशोधन, आरटीजीएस नेफ्ट के चलते विभिन्न बैंकों में लगभग तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। इस दौरान यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के पांच सौ अधिक बैंक कर्मी बुधवार की सुबह आठ बजे वाहनों संग पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अंचल, मंडल व डिस्ट्रिक को-आपरेटिव बैंक के प्रधान कार्यालयों से होते हुए जुलूस लेकर इलाहाबाद बैंक के अंचल कार्यालय (नदेसर) पर एकत्रित हुए और यहां पर प्रदर्शन व सभा की गई। सभा में यूपीबीईयू के प्रदेश अध्यक्ष आरबी चौबे व सहायक महामंत्री संजय शर्मा ने कहा कि सरकार को जनता का धन जनता के लिए ही खर्च करना चाहिए न कि लूट के लिए,

कहीं असर, कहीं नहीं

- हड़ताल का असर जिला सहकारी बैंक पर नहीं पड़ा

- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी हड़ताल में शामिल नहीं रहा

- अनपरा-ओबरा विद्युत उत्पादन इकाई में कोयला ढुलाई करने वाले श्रमिक भी हड़ताल में शामिल रहे।

- इसके चलते संविदा पर लाए श्रमिकों से कोयला ढुलवाकर बिजली गृहों में उत्पादन बनाए रखने का प्रयास जारी रहा।

- हड़ताल की वजह से अलीनगर स्थित तेल कंपनियों के डिपो में तगड़ा असर पड़ा।

- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, ¨हदुस्तान पेट्रोलियम तेल भराई का कार्य पूरी तरह ठप रहा।

- लगभग 8 सौ टैंकर जिससे लगभग 15 जिलों में तेल आपूर्ति कराई जाती है, जगह-जगह खड़े रहे।

- हड़ताल का असर बाबतपुर स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन लि। (आइओसीएल) के बॉटलिंग प्लांट पर भी पड़ा।

- इसके चलते शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा अन्य आसपास के जिलों में भी आपूर्ति ठप रही।

- बाबतपुर प्लांट से ही चंदौली, गाजीपुर, मीरजापुर, भदोही, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र आदि जनपदों में भी आपूर्ति होती है।

टीचर्स भी रहे समर्थन में

केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर बुलाई गई हड़ताल में उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ओर से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने एवं सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट एक जनवरी से लागू कराने की मांग को लेकर कर्मचारी एवं शिक्षकों ने लोक निर्माण विभाग परिसर में समिति के अध्यक्ष डॉ। प्रमोद कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले समान वेतनमान, शिक्षा के लिए जीडीपी का सात परसेंट आवंटन और अन्य मांगों को लेकर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ के महामंत्री विनय कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शन किया।

बीमा कर्मियों ने भी बोला हल्ला

भारतीय जीवन बीमा निगम कर्मियों ने मंडल कार्यालय (भेलूपुर) कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वाराणसी डिविजन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायण चटर्जी ने कहा की मंडल के सभी 29 शाखाओं में तालाबंदी रही। करीब आठ करोड़ का कारोबार ठप रहा। जनरल इंश्योरेंस इंप्लाई एसोसिएशन के सदस्यों ने नेशनल इंश्योरेंस के मंडल ऑफिस पर प्रदर्शन किया। इस दौरान सुशील श्रीवास्तव, अजय कुमार, मदन प्रसाद, सुनील कुमार समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

दो घंटे झेल गए पैसेंजर

यूपी रोडवेज इंप्लाई एसोसिएशन के आह्वान पर रोडवेज कर्मियों ने भी मंगलवार रात 12 बजे से बसों के चक्के जाम कर दिए। जिसके कारण सुबह रोडवेज के पास सवारी ढो रहे ऑटो और मैजिक चालकों से बसकर्मियों की हाथापाई हो गई। जिसके बाद पुलिस ने इंटरफेयरेंस कर नौ बजे रोडवेज कर्मियों की हड़ताल को खत्म करा दिया। हालांकि रोडवेज के एआरएम ग्रामीण आरसी दूबे किसी भी तरह की मारपीट की घटना से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हड़ताल सुबह ही खत्म हो गई थी और इसका असर रोडवेज पर जरा सा भी नहीं रहा। सुबह कुछ देर की हड़ताल के कारण पैसेंजर्स कुछ देर परेशान जरुर हुए। जिसके कारण सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर रूट से पैसेंजर्स सबसे ज्यादा परेशान हुए। इस दौरान हड़ताल का पूरा फायदा प्राइवेट बसों ने उठाया।

जुलूस निकालकर जतायी नाराजगी

हड़ताल की वजह से चांदपुर इंडस्ट्रियल स्टेट, रोहनिया, लहरतारा, करौता, शिवपुर, माधोपुर, महमूरगंज, पाण्डेयपुर के अधिकतर कारखाने बंद रहे। होजरी मजदूर यूनियन के आह्वान पर शिवपुरवा के दर्जनों कारखाने सहित होजरी उद्योग में हड़ताल का असर रहा। चांदपुर इंडस्ट्रियल स्टेट के सैकड़ों मजदूरों ने जुलूस निकाला और नारेबाजी की। रामनगर इंडस्ट्रियल स्टेट में भी मजदूर हड़ताल पर रहे।

हड़ताल के दौरान लगभग सभी एटीएम फुल रहने से पैसे के लिए लोगों को खास परेशानी नहीं हुई। शहर में राष्ट्रीयकृत बैंकों की तीन सौ से ज्यादा एटीएम हैं। हड़ताल की पूर्व संध्या पर सभी एटीएम को रीफिल कर दिया गया था ताकि हड़ताल के दौरान खाताधारकों को असुविधा न हो इसलिए सभी एटीएम में कैश भर दिए गए थे।

उपेंद्र सिंह, डीजीएम, यूनियन बैंक