- अन्याय प्रतिकार यात्रा को लेकर बनारस बंद को लेकर कुछ का समर्थन तो कुछ हैं दूर

- कई राजनैतिक पार्टियों समेत देश भर के संतों के शामिल होने की उम्मीद

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गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर 22 सितम्बर की रात हुए लाठीचार्ज के विरोध में संत समाज सोमवार को 'अन्याय प्रतिकार यात्रा' निकालेगा। इस दौरान 'बनारस बंद' का भी आह्वान किया गया है। जिसे लेकर कई व्यापारिक व सामाजिक संगठनों ने इसमें शामिल होने की घोषणा की है, जबकि राजनैतिक दलों में सिर्फ कांग्रेस संतों के साथ दिख रही है। जबकि भाजपा ने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं।

सील कर रहे हैं सीमा

संतों की यात्रा, बंद और आंदोलन के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा की पूरी तैयारियां कर ली हैं। शहर में आ रहे संतों और अन्य की भीड़ को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती शुरू कर दी गई है। अन्य जनपदों से पहुंचे बड़ी संख्या में पुलिस, पीएसी व आरपीएफ के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। यात्रा व बंद की सफलता सुनिश्चित करने के लिए रविवार को केदार घाट स्थित शंकराचार्य आश्रम श्रीविद्या मठ में दिन भर जहां संतों, विद्वानों संग विभिन्न संगठनों की सभा चलती रही और रणनीति बनती रही, वहीं दूसरी जिला प्रशासन के की ओर से कई अधिकारी भी पहुंचते रहे और मान-मनौव्वल करते रहे। जिले की सीमा सील कर संतों को बनारस पहुंचने से रोका जा रहा है। हालांकि प्रशासन ऐसी किसी बात से इंकार कर रहा है।

गंगा में विसर्जन का करेंगे संकल्प

श्री विद्या मठ में हुई सभा में संतों पर लाठीचार्ज के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग जोरदार ढंग से उठी। संतों का कहना था कि मुख्यमंत्री को इसके लिए खुद माफी मांगनी होगी। करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन पावन गंगा की गोद में ही करने का संकल्प भी लिया गया।

संत और नागा मठों और धर्मशालाओं में

सोमवार को आयोजित यात्रा में हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू युवा वाहिनी के अलावा लगभग 500 नागाओं और देश विदेश से संतों के आने की उम्मीद है। हालंाकि अभी संत समाज कौन आया है इसे लेकर कुछ बोलने से बच रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार को लगभग एक दर्जन से ज्यादा महामण्डेलश्वरों के साथ कई बड़े नेता भी इस यात्रा में शामिल रहेंगे।