पुलिस ने साधु-संतों, पॉलिटिकल परसन, पूजा समिति के पदाधिकारियों के मोबाइल फोन लगाया सर्विलांस पर

-पल-पल की जानकारी हासिल करके तय की जा रही रणनीति

VARANASI : प्रतिकार यात्रा के पहले एक मठ से जुड़े लोगों ने एक गणेश प्रतिमा बनवाने की जिम्मेदारी सोनारपुरा निवासी एक मूर्तिकार को सौंपी। उससे कहा गया कि वह उसी पारम्परिक तरीके से प्रतिमा बनाए जैसी की गणेश पूजा, दुर्गा पूजा समेत अन्य त्यौहार के दौरान बनाता है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी जानी थी। तय समय पर मूर्ति निर्माण और वीडियोग्राफी शुरू हुआ। यह सब बड़े गुपचुप तरीके से चल रहा था लेकिन अचानक कई थानों की पुलिस मूर्तिकार के पास पहुंची। मूर्ति निर्माण बंद कराकर वीडियोग्राफी करने वाले युवक को अरेस्ट कर ले गयी। यह महज एक घटना जो साबित करती है कि शहर में हर खास ओ आम पुलिस सर्विलांस पर है। उनकी हर कॉल को ट्रेस किया जा रहा है। उसके मुताबिक पुलिस और प्रशासन अपनी रणनीति बना रहा है।

सबकी सुन रहे बातें

अन्याय प्रतिकार यात्रा के पहले और बवाल के बाद पुलिस ने साधु-संतों, पॉलिटिकल परसन, स्टूडेंट्स लीडर, पूजा समिति के पदाधिकारियों समेत कई संगठनों के पदाधिकारियों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगा रखे हैं। शहर के हालात को लेकर इनके बीच हो रही बातचीत का पूरा रिकॉर्ड रखा जा रहा है। इसके मुताबिक पुलिस और प्रशासन अपनी रणनीति तैयार करके शहर में शांति बनाए रखने की कोशिश में लगा है। अब बवाल के बाद दर्जनों लोगों पर मुकदमा होने के पर गिरफ्तारी भी इसी सर्विलांस के आधार पर की जा रही है। सुबूत के तौर पर पुलिस इस बातचीत को कोर्ट में पेश करने की तैयारी भी कर चुकी है।

हर कोशिश कर रहे नाकाम

मूर्ति बनवाने और उसकी वीडियोग्राफी के पीछे मठ से जुड़े लोगों की मंशा कोर्ट और प्रशासन को यह बताने की मूर्ति निर्माण की पूरी प्रक्रिया बताने की थी। इसके साथ यह साबित करना था कि मिट्टी से बनने वाली ईको फ्रेंडली प्रतिमा के गंगा में विसर्जन से किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। लेकिन प्रशासन और पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। वह नहीं चाहती कि कोर्ट में उसकी कोई किरकिरी हो साथ ही गंगा में मूर्ति विसर्जन पर अड़े लोगों के पास कोई ठोस तर्क हो जिससे वह अपनी जिद पूरी करने का प्रयास करें। यही नहीं पुलिस लगातार इस बात की टोह लेने में लगी है कि आगामी दुर्गा पूजा के दौरान पूजा समिति और संतों का क्या स्टैंड है। गणेश प्रतिमा की तरह कहीं दुर्गा प्रतिमा को गंगा में विसर्जित करने की कोशिश तो नहीं होगी। इन सब जानकारी को हासिल करने का जरिया सर्विलांस ही है।