सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश पर सरकार का दूसरा आदेश पड़ा भारी

-बालू खनन पर लगी रोक ने सरकारी विभागों से लेकर सपने के आशियाना बनाने वालों का बिगाड़ा गणित, रुके कई काम

-दो महीने में गंगा बालू का रेट हुआ तीन गुना, सड़कों के गड्ढे 15 जून तक भरने के लिए ष्टरू का दिया गया आदेश भी लटका

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शहर की सड़कों और गलियों का बुरा हाल है। खस्ताहाल हो चुकी सड़कों पर गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा है और गलियों में तो पैदल चलने वाले भी गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए यूपी की कमान संभालते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 जून तक हर हाल में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया था लेकिन उनके इस आदेश पर उन्हीं का दूसरा आदेश भारी पड़ रहा है। दरअसल योगी ने प्रदेश में गंगा बालू के खनन पर रोक लगा दी है। इसके कारण बालू के न आने से जहां लोगों के आशियाना बनाने के सपने पर तो असर पड़ा ही है, सड़कों और गलियों का निर्माण कार्य भी थम सा गया है। हाल ये है कि अधिकतर सड़कों पर गिट्टी डालकर छोड़ देने से लोगों की राह मुश्किल हो गई है।

राहत मिलने के साथ है डर भी

एक ओर जहां मई बीतने के बाद मानसून की दस्तक से लोग गर्मी से राहत की उम्मीद लगाये हैं वहीं सड़कों की बदहाली देख बारिश में हालात क्या होंगे? इसके बारे में सोचते ही लोगों का दिल भी बैठा जा रहा है। खराब सड़कें और गलियों की बुरी कंडीशन अब तक सुधरी नहीं है। विकास के नाम पर पूरे शहर में इन दिनों आईपीडीएस वर्क के चलते सड़कों पर हुई खोदाई ने हालात को और बिगाड़ दिया है। काम होने के बाद सड़कें और गलियों में निर्माण कार्य काफी वक्त से रुका है। इसकी पड़ताल की तो पता चला कि बालू के न आने से काम आगे बढ़ ही नहीं पा रहा है। ये दिक्कत कब तक रहेगी ये बताने की हिम्मत न अधिकारी जुटा पा रहे हैं और न ही इनको ठीक कराने का जिम्मा लेने वाले ठेकेदार।

खनन पर रोक से बिगड़े हालात

-गंगा बालू के खनन पर रोक के साथ ही वाहनों पर ओवरलोडिंग भी बंद है

- इन वजहों से गंगा बालू का आना एकदम से रुक गया है

- गलियों की मरम्मत और सड़कों के गड्ढों को भरने का काम पड़ा है ठप

- लोगों को अपना आशियाना बनाने का सपना भी बालू के न आने से पूरा होता नहीं दिख रहा है

- लाल बालू की आड़ में गंगा बालू लाया जा रहा है

- कुछ जगहों पर चोरी छिपे गंगा बालू मनमाने रेट पर बिक रहा है

ये है हाल

02

महीने पहले लगी है बालू खनन पर रोक

3000

रुपये ट्रैक्टर था तब गंगा बालू का रेट

30

रुपये बोरी फुटकर में बिक रहा था बालू

9000

रुपये ट्रैक्टर अब चोरी छुपे बिक रहा है गंगा बालू

90

रुपये पर बोरी का है फुटकर रेट

7000

रुपये ट्रैक्टर के रेट से बिक रहा है लाल बालू

02

महीने पहले तक 4,500 रुपये था रेट

नोट- लाल बालू के खनन पर रोक नहीं है।

किस विभाग की है कितनी सड़क

नगर निगम

- 1,124 किमी लंबी सड़क

- 40 करोड़ का है वार्षिक बजट

पीडब्ल्यूडी

- 1200 किमी लंबी सड़क

- 12 करोड़ का है वार्षिक बजट

- 02 करोड़ रुपये है सुरक्षित बजट

वीडीए

- 10 किमी लंबी सड़क

- 10 करोड़ वार्षिक बजट

जिला पंचायत

- 1200 किमी लंबी सड़क

- 18 करोड़ वार्षिक बजट

- 03 करोड़ रुपये सुरक्षित है बजट

आरईएस

- 500 किमी लंबी सड़क

- 03 करोड़ वार्षिक बजट

ये सच है कि बालू के न आने से हालात बिगड़ गए हैं। सड़कों और गलियों में काम रुकने की ये बड़ी वजह है। जहां जरूरी है वहां महंगे रेट पर बालू मंगाकर काम चलाया जा रहा है।

कैलाश सिंह, चीफ इंजीनियर नगर निगम