-धन्वंतरि निवास में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की लगी रही कतार

आयुर्वेद के जनक महर्षि धन्वंतरि की जयंती मंगलवार को शहर भर में श्रद्धा के साथ मनाई गई। विभिन्न नर्सिग शिक्षण संस्थानों और आयुर्वेद चिकित्सकीय संगठनों ने महर्षि धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। धन्वंतरि निवास में भी विशेष पूजन-अर्चन किया गया। यहां दर्शन पूजन के लिए भक्तों की कतारें यलगी रहीं। श्री धन्वंतरि धर्मामृत औषधालय की ओर से आयोजित वार्षिकोत्सव में एक से बढ़कर एक कल्चरल प्रोग्राम की प्रस्तुति हुई। धन्वंतरि निवास में भगवान धन्वंतरि की अष्टधातु की बनी प्रतिमा तीन सौ साल पुरानी है, परंपरागत तरीके से धनतेरस के दिन पूजन-अर्चन के लिए मंदिर का कपाट पूरे दिन के लिए खोल दिया जाता है। रात में आरती के बाद मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है और फिर अगले साल धनतेरस के दिन ही खुलता है। शिवकुमार शास्त्री वैद्य के निर्देशन में आयोजित पूजनोत्सव में रामकुमार शास्त्री, समीर कुमार शास्त्री, उत्पल शास्त्री, आदित्य विक्रम शास्त्री, मिहिर विक्रम शास्त्री आदि रहे।

सम्मान से नवाजे गए डॉक्टर

नेशनल इंट्रीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन नीमा की ओर से शिवपुर स्थित नीमा बिल्डिंग में भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई गई। इस दौरान सेमिनार में डॉ। एलएल दुबे और डॉ। कैलाश प्रसाद को धन्वंतरि सम्मान से नवाजा गया। कोषाध्यक्ष डॉ। एसएन पांडेय ने वार्षिक कार्यक्रमों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ। वकालत अली और संचालन सचिव डॉ। सुनील मिश्रा ने किया। सेमिनार में डॉ। बीएन रॉकी, डॉ। राजेश श्रीवास्तव, डॉ। सलिलेश मालवीय, डॉ। एमए अजहर, डा। केएन झा, डॉ। अजय तिवारी, डॉ। जेपी गुप्ता, डॉ। सुभाष गुप्ता, डॉ। अशोक चौरसिया, डॉ। कुंती आनंद, डॉ। डॉली श्रीवास्तव आदि रहे। स्पेशल गेस्ट नीमा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। के त्रिपाठी रहे।