शहर भर में नाली-सड़क पर पक्का निर्माण का कब्जा, सालों से चली आ रही यह परिपाटी

अवैध निर्माण पर सरकारी कार्य करके उसे बना दिया जा रहा वैध

सीन-वन

नरिया तिराहे से चंद कदम का एरिया। नाली का रूख मोड़कर सड़क तक गेट का निर्माण करा लिया गया। नगर निगम को बोलना चाहिए मगर, खुद निगम मौन साध रहा।

सीन-टू

रथयात्रा से कमच्छा की ओर जाते हुए। सड़क किनारे नाली को पाटकर निर्माण कर लिया गया। सालों पहले यह कारनामा हुआ मगर, कोई बोलने नहीं गया। अब तो अतिक्रमण भी वैध हो गया।

सीन-थ्री

सुंदरपुर में अवैध चबूतरा तोड़े बगैर नाली का निर्माण करा दिया जा रहा है। लग रहा है कि नगर निगम उस अवैध निर्माण को भी वैध बना दे रहा है। अवैध निर्माण के आगे स्ट्रीट पोल लग जा रहा है तो फिर मान कर चलिए कि अब वह टूटने वाला नहीं है।

इन पर कब चलेगा चाबुक

यह तीन सीन तो एक महज बानगी भर है। सिटी में जहां भी देखिए, हर ओर ही अतिक्रमण दिख रहा है। इस अतिक्रमण को शह देने वाले नगर निगम और वीडीए के अधिकारी अब कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं। किसी ने नाली पाटकर अपना चबूतरा बना लिया तो किसी ने मेनगेट ही सड़क पर खोल दिया। किसी के अवैध निर्माण पर नगर निगम ने सरकारी मुहर लगाई तो वह वैध हो गया। ऐसे अनगिनत केस शहर के विभिन्न एरिया के मुहल्लों-गलियों में देखने को मिल जाएंगे। अब सवाल यह कि अतिक्रमणकारियों पर जिला प्रशासन का चाबुक कैसे और कब चलेगा?

सामने दिख रहे एंक्रोचमेंट

पिछले दिनों ही डीएम साहब के नेतृत्व में एक टीम अतिक्रमण का सर्वे की तो उस दौरान पग-पग पर अवैध निर्माण सामने आए। मातहतों को चिन्हित कराते हुए डीएम साहब ने अवैध निर्माण ढहाए जाने के लिए निर्देशित किया। मगर अब भी बहुत से ऐसे एरिया है, जहां अधिकारियों की टीम नहीं पहुंच सकी। सामने दिखने वाले एंक्रोचमेंट पर भी जिला-ए-हुकुम की ओर से कार्रवाई होनी चाहिए।

बनते समय कहां रही टीम

एक ईट यदि सड़क से बढ़कर रखने जाइये तो टोकने वाली वीडीए भी अवैध निर्माण पर चुप्पी साधी रही। नगर निगम की एक टीम भी ऐसे निर्माण पर रोक लगाने के लिए शहर में चक्रमण करती रहती है। कर्मचारियों को एरिया वाइज में बांटा गया है, फिर भी अवैध निर्माण होना निगम और वीडीए के अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है।

अवैध निर्माण ढहाए जा रहे हैं। किसी को भी अवैध निर्माण करने की इजाजत नहीं है। एक टीम अवैध निर्माण को चिन्हित भी कर रही है। जिनका भी निर्माण अवैध पाया गया तो उसे टूटना तय है।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम