- बजाज ग्रुप की महंगी बिजली पर नियामक आयोग ने लगाई ब्रेक

- कैपिटल कॉस्ट में 227 करोड़ की कटौती, फिक्स चार्ज में भी कमी

LUCKNOW: उप्र विद्युत नियामक आयोग ने निजी कंपनी बजाज एनर्जी की कैपिटल कॉस्ट में लगभग 227 करोड़ रुपये की कटौती के साथ ही कंपनी की ओर से वसूल किए जा रहे फिक्स चार्ज को भी 2.24 से 2.34 रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 1.88 से 1.95 रुपये प्रति यूनिट कर दिया है। इससे उपभोक्ताओं बिजली की दरों में भी कुछ कमी होने की संभावना है।

144 पन्नों का फैसला सुनाया

बजाज एनर्जी के खंबनखेड़ा, बरखेड़ा, मकसूदपुर, कुंदरकी और उतरौला के कुल 450 मेगावाट क्षमता के पांच उत्पादन गृहों की कैपिटल कॉस्ट पर लंबे समय से नियामक आयोग में फैसला रिजर्व था। शनिवार को आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा और सदस्य एसके अग्रवाल ने 144 पन्नों का फैसला सुनाते हुए बजाज एनर्जी को कड़ी फटकार लगाई। बजाज एनर्जी ने याचिका में सभी पांच उत्पादन गृहों की कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट 2569.80 करोड़ रुपये दी थी। इसके बाद अतिरिक्त प्रोजेक्ट कॉस्ट के तौर पर 155 करोड़ रुपये और शामिल किए गए। आयोग ने कॉस्ट में 72 करोड़ की कटौती करते हुए उसे 2497.97 करोड़ रुपये अनुमोदित किया है, जबकि 155 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोजेक्ट कॉस्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

वापस करनी पड़ेगी रकम

फिक्स चार्ज में कमी किए जाने के बाद बिजली दर में भी 36 से 39 पैसे प्रति यूनिट की कमी आएगी, जिस पर बजाज एनर्जी पावर कारपोरेशन को बिजली बेचता है। चूंकि यह आदेश 2011-12 से लागू होगा, इसलिए बजाज ग्रुप को करोड़ों रुपये पावर कारपोरेशन को वापस भी करने पड़ेंगे।

इस तरह बढ़ी कैपिटल कॉस्ट

उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा और सदस्य एसके अग्रवाल से मिलकर आपत्ति जताई कि बजाज एनर्जी ने अपने ग्रुप की ही एक इनहाउस कंपनी बजाज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी को ब्वायलर टरबाइन व कोल हैंडलिंग के कई कार्य महंगी दर पर दिए हैं, जबकि इस कंपनी ने यही काम सस्ती दरों पर दूसरी कंपनियों को दिये हैं। इससे बजाज एनर्जी को बड़ा फायदा हुआ और कैपिटल कॉस्ट भी इसी वजह से करोड़ों रुपये बढ़ गई।