टर्मिनल बनने से ये मिलेगा फायदा
आगरा में सिविल एन्क्लेव टर्मिनल बनने से आगरा के साथ प्रदेश सरकार के रेवेन्यू में भी इजाफा होगा। डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट आने से फॉरेन टूरिस्ट की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। आमतौर पर ताज का दीदार करने वाले टूरिस्ट दो घंटे में ताज का भ्रमण कर वापस लौट जाते हैं। सिविल एयरपोर्ट बनने से टूरिस्ट यहां से जयपुर, खजुराहो, बनारस आदि स्थानों के लिए आगरा से बुकिंग करा सकता है। ऐसे में लाजिमी है कि जब फॉरेन टूरिस्ट आगरा में रुकेगा, तो उसका लाभ पर्यटन उद्यमियों को मिलेगा। इससे सिटी के आर्थिक विकास को पंख लगेंगे।
आगरा में पहले से हैैं अन्तर्राष्ट्रीय सुविधाएं
आमतौर पर फॉरेन से आने वाले टूरिस्ट को एयरफोर्स के एरिया से होकर गुजरना पड़ता है। सिविल एन्क्लेव टर्मिनल बनने से फॉरेन टूरिस्ट को एयरफोर्स के एरिया में होकर गुजरना पड़ता है। इसके बन जाने से फॉरेन से आने वाले टूरिस्ट सीधे टर्मिनल से ताज भ्रमण के लिए निकल सकेंगे। सिटी में पहले से कस्टम क्लेयर, कोर्ट ऑफ इन्ट्री, पार्किंग आदि की सुविधा पहले से उपल?ध है। आगरा खेरिया स्थित एयरपोर्ट पर दो रनवे मौजूद हैं। इनमें एक 10 हजार फुट का दूसरा 6 हजार फुट का है, जबकि टर्मिनल के लिए फ्लाइट के लैडिंग, टेक ऑफ और थ्री सिक्सटी  के लिए पर्याप्त स्पेस है। वर्तमान में खेरिया एयरपोर्ट रोजाना चार से पांच इंटरनेशनल फ्लाइट्स लैडिंग करती हैं। इसके अलावा डोमेस्टिक फ्लाइट अलग हैं।
तो 18 से 24 महीने में बन जाएगा टर्मिनल
पुराने प्रपोजल के अनुसार 55 एकड़ भूमि पर बनाया जाने वाला सिविल टर्मिनल भूमि अधिग्रहित होने पर 18 से 24 महीने में तैयार हो जाएगा। इस बारे में फेडरेशन ऑफ ट्रेवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि हम एयरपोर्ट ऑफ अथॉरिटी इंडिया से मिले तो उनका कहना था कि जमीन मुहैया होते ही दो साल में टर्मिनल को तैयार कर दिया जाएगा।
नए सर्किल रेट से होगा भूमि अधिग्रहण
सिविल टर्मिनल के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन को नए सर्किल रेट पर अधिग्रहित किया जाएगा। इसमें कुछ जमीन सरकारी है, तो कुछ प्राइवेट जमीन है। नए प्रपोजल के अनुसार 100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। इसके लिए जल्द ही प्रशासन मीटिंग कर डिसीजन लेगा।
1985 में उठी थी एयरपोर्ट बनाने की मांग

आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की मांग 1985 में पहली बार उठी थी, इसके बाद यह बात ठंडे बस्ते में चली गई.  इसके बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर सीएम अखिलेश यादव ने आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की थी। तकरीबन साल भर पूर्व आगरा आए नागर विमान मंत्री अजित सिंह ने भी आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की बात कही थी। खेरिया एयरपोर्ट पर पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने सूबे की सरकार से जमीन मुहैया कराने को कहा था। इसके बाद इसके लिए आगरा इसके लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई। पहले मथुरा के बल्देव में जमीन देखी गई, बाद में टूण्डला के पास फिर फीरोजाबाद के हिरनगांव में जमीन का प्रपोजल तैयार कर शासन को भेजा गया, लेकिन इस पर  टूरिस्ट डिपार्टमेंट को एनओसी के मामले पर दिल्ली स्थित वायु सेना भवन इस पर आपत्ति जता दी। इसके बाद आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने की उम्मीद दफन हो गई।

-वीपी खरे, एडीएम सिटी

इसके लिए 100 एकड़ भूमि का प्रपोजल तैयार किया है। इसमें कुछ जमीन सरकारी है, कुछ बजट प्राप्त हो चुका है। पर्याप्त बजट
प्राप्त होते ही कार्रवाई शुरु की जाएगी।

-राजेश कुमार, एसडीएम सदर
प्रपोजल बनाकर भेज दिया गया है। चूंकि यह पुराना प्रपोजल था, नए सिरे से इसको तैयार किया गया है। नए सर्किल रेट  के हिसाब से अधिग्रहण किया जाएगा। जल्द मीटिंग के बाद निर्णय लिया जाएगा।

-राजीव तिवारी, अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ ट्रेवल्स एसोसिएशन आगरा         
आगरा में सिविल टर्मिनल बनने से बहुत फायदा मिलेगा, आगरा की स्थिति आर्थिक रूप से मजबूत होगी।
इसका फायदा शासन को भी मिलेगा।