थाना निबोहरा के नीचा खेड़ा गांव में सनसनीखेज वारदात

11 वर्ष की छात्रा को सोते हुए उठाया, फिर किया दुष्कर्म

दुष्कर्म के बाद गला दबाकर कर दी अज्ञात व्यक्ति ने हत्या

आगरा। शुक्रवार को दरिंदगी की सारी हदें पार हो गई। 11 साल की एक मासूम के साथ अज्ञात युवक ने दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी। गांव में लगुन-सगाई का कार्यक्रम के दौरान बजते डीजे की आवाज के कारण मासूम की चीखें दब गई। गांव थाना और अस्पताल से दूर होने के कारण गांव वालों को ये खबर पुलिस तक पहुंचाने में भी देर लगी। देर रात की खबर जब सुबह पुलिस तक पहुंची तो सनसनी फैल गई।

कक्षा छह में पढ़ती थी छात्रा

गांव नीचा खेड़ा निवासी 11 वर्षीय नीतू पास के ही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा छह में पढ़ रही थी। उसके पिता शादी में हलवाई का काम करते हैं। साथ ही उनकी खेतीबाड़ी भी है। वह पांच बहनों में दूसरे नंबर की थी। घर में उसकी दादी भी है। वह अपनी दादी के पास ही सोती है। उसका परिवार संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहता है।

घर के सामने था कार्यक्रम

गुरुवार रात घर के सामने लगुन-सगाई का कार्यक्रम था। नीतू के पिता रात करीब दस बजे कार्यक्रम में गए हुए थे। वह दादी के साथ मकान के बाहर छप्पर के नीचे सो रही थी। साथ में छोटी बहन भी सो रही थी। कार्यक्रम में लगातार डीजे बज रहा था।

अगवा कर किया दुराचार

रात में जब पिता कार्यक्रम में गए हुए थे। परिवार के अन्य सदस्य घर के अंदर सोए हुए थे। उसी दौरान किसी व्यक्ति ने घर में प्रवेश कर लिया। बाहर सो रही छात्रा को दबे पांव उठा ले गया। इस बात की किसी को भनक तक नहीं लगी।

खेत में किया दुष्कर्म

परिवार के सदस्य ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति छात्रा को उठाकर घर के पीछे बाजरे के खेत में ले गया। वहां पर उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया। परिवार के सदस्यों को अनुमान है कि छात्रा इस दौरान जरूर चीखी होगी, लेकिन उसकी चीखें सामने घर में डीजे बजने के चलते दब गई।

दरिंदे ने दिखाई दरिंदगी

परिवार के सदस्यों के मुताबिक दुष्कर्म के दौरान छात्रा ने अपने को छुड़ाने की कोशिश की होगी, इसलिए दरिंदे ने उसके चेहरे को बुरी तरह से दांतों से काट लिया। इतना ही नहीं दरिंदे ने दुष्कर्म के बाद तब तक गला दबाए रखा जब तक उसका दम नहीं निकल गया।

पिता लौटे तो हुई जानकारी

पिता करीब पौने ग्यारह बजे कार्यक्रम से वापस लौटे तो बेटी को सोता नहीं पाया। इसी के बाद घर के अन्य लोगों को जगाया। बेटी के बारे में पूछा। पूरे घर में तलाश करने पर भी उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। परिजनों ने रात में उसकी तलाश शुरु कर दी। रात करीब सवा ग्यारह बजे छात्रा घर के पीछे खेत में पड़ी मिली।

हालत देख परिजनों के होश उड़े

दादी और मां को छात्रा घर के पीछे खेतों की तरफ बदहवास हालत में मिली। खून से लथपथ आपत्ति जनक हालत में छात्रा को देख मां और दादी की चीख निकल गई।

कोई भागा भी था मौके से

रात में जिस दौरान दादी और मां ने बच्ची को देखा था। उस दौरान खेतों की तरफ से कोई भाग था। लेकिन वह उसे पकड़ नहीं सकी थी। मौके पर नौ नम्बर की एक चप्पल भी मिली है। परिजनों के मुताबिक चप्पल आरोपी की ही होगी।

रात भर रही जगार

परिजनों के मुताबिक बच्ची जब मिली तब वह मृतावस्था में थी। गांव में आसपास चिकित्सा की सहायता भी नहीं है। बताया जाता है कि एरिया भी ठीक नहीं है। रात में उस रूट से निकलना खतरनाक हो सकता है। थाना भी पांच किमी दूर है। लिहाजा असुरक्षा की भावना गांव वालों को घेरे रहती है।

बेटा बनना चाहती थी वह

पिता के मुताबिक वह बेटी को कभी भी अकेला नहीं छोड़ते थे। वह भी कभी सामान लेने अकेली बाहर नहीं जाती थी। वह पढ़ने में मेधावी थी। पिता ने बताया कि उनकी मात्र बेटियां हैं, बेटा नहीं है। बेटी पढ़ लिखना चाहती थी। वह उनके लिए बेटा का कर्तव्य निभाना चाहती थी।