-कमरे को लॉक कर दिया वारदात को अंजाम

-नींद से जागी बहन ने मकान मालकिन की मदद से तोड़ा दरवाजा

LUCKNOW: मानकनगर एरिया में कलास फ् के एक स्टूडेंट ने अपने कमरे को भीतर से लॉक कर दुपट्टे के फंदे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सुबह नींद से जागी बहन ने मकान मालकिन की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा। जहां स्टूडेंट फंदे से लटकता मिला। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

भाई-बहन थे घर में

होटल पिकैडली में किचन सुपरवाइजर किशोरी लाल मानकनगर एरिया के रामनगर में स्थित सरिता सिंह के मकान में दो बेटों रणजीत व सुधीर और बेटी सीमा के साथ रहते थे। संडे को रणजीत प्रतापगढ़ के लालगोपालगंज स्थित गांव चला गया जबकि रात में किशोरी लाल ड्यूटी पर चले गए। घर पर सीमा और सुधीर मौजूद थे। सीमा के मुताबिक, रात करीब क्0 बजे उन लोगों ने साथ खाना खाया और फिर आंगन में ही सो गए।

नींद खुली तो गायब था भाई

सीमा ने बताया कि सुबह करीब 7 बजे उसकी नींद खुली तो भाई सुधीर बिस्तर से गायब था। पहले उसने सोचा कि सुधीर घर से बाहर गया होगा। पर, दरवाजा भीतर से बंद देख उसका माथा ठनका। जब उसकी नजर बेडरूम की ओर गई तो वहां का दरवाजा बंद मिला। उसने दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। घबराई सीमा ने पड़ोस में रहने वाली मकान मालकिन सरिता सिंह से पूरी बात बताई। जानकारी मिलने पर पहुंची सरिता और सीमा ने दरवाजे पर धक्का देकर उसे तोड़ दिया और भीतर दाखिल हुई। लेकिन, भीतर का नजारा देख उनके होश उड़ गए। वहां पंखे के कुण्ढे से लगे दुपट्टे के फंदे में सुधीर (क्ख्) की लाश लटक रही थी।

बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार की थी तैयारी

सरिता ने फोन कर इसकी इंफॉर्मेशन ड्यूटी पर गए किशोरी लाल को दी। मौके पर पहुंचे किशोरी लाल ने बिना पुलिस को इंफॉर्मेशन दिये ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। इसी बीच किसी मोहल्ले वाले ने इसकी इंफॉर्मेशन पुलिस को दे दी। जानकारी मिलने पर पहुंचे एसओ मानकनगर अशोक कुमार यादव ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।

मां की मौत के बाद रहता था परेशान

एसओ मानकनगर अशोक कुमार यादव के मुताबिक, सुधीर आलमबाग स्थित सिंधी ब्वायज स्कूल में क्लास फ् का स्टूडेंट था। आठ साल पहले जब वह महज ब् साल का था तो उसी दौरान सुधीर की मां की सड़क हादसे में मौत हो गई। मां की मौत ने उसके दिमाग पर इतना गहरा असर डाला कि वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। उसके पिता किशोरी लाल ने पुलिस को बताया कि मां की याद में सुधीर डिप्रेशन का शिकार हो गया और इसी वजह से उसने बीती रात फांसी लगाकर जान दे दी।

पारिवारिक सपोर्ट न मिलना हो सकता है वजह

मशहूर मानसिक रोग विशेषज्ञ और केजीएमयू के चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट प्रो। एससी तिवारी कहते हैं कि इस मामले में आशंका है कि सुधीर 'चाइल्डहुड डिप्रेशन' का शिकार हो सकता है। ऐसे मामलों में माता या पिता की बचपन में मौत से बच्चे को गहरा सदमा लगता है। अगर उसे परिवार के दूसरे सदस्यों का सपोर्ट नहीं मिलता तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है और इसका नतीजा बच्चे के सुसाइड के रूप में भी सामने आ सकता है। प्रो। तिवारी ने बताया कि अगर किसी बच्चे के बिहेवियर में अचानक परिवर्तन महसूस हो तो उस पर निरंतर नजर रखनी चाहिये और अगर यह परिवर्तन लंबे समय तक जारी रहे तो फौरन मानसिक रोग विशेषज्ञ से उस बच्चे का चेकअप कराकर उसका इलाज कराना चाहिये।