RANCHI: राजधानी में गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से तीसरे दिन भी हजारों घरों से कूड़े का उठाव नहीं हुआ। वहीं चौक-चौराहों को देखकर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब तो डस्टबीन भी फुल हो गए हैं और कचरा बाहर बिखर रहा है। आवारा पशुओं के कारण ये कचरा दूर-दूर तक पसरता जा रहा है। लेकिन किसी को इसकी चिंता नहीं है। न तो रांची नगर निगम के अधिकारी इसे लेकर एक्टिव हैं और न ही एमएसडब्ल्यू के अधिकारी सफाई कर्मियों से बात करने को तैयार हैं। ऐसे में यह हड़ताल कितने दिनों तक चलेगी, यह कहना मुश्किल है।

सिटी की सफाई का दावा फेल

राजधानी में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए मेकेनाइज्ड क्लिनिंग की शुरुआत हुई, ताकि शहर को साफ सुधरा और सुंदर बनाया जा सके। लेकिन पांच महीने में ही इस व्यवस्था ने दम तोड़ दिया। अब सिटी को स्वच्छ बनाने का रांची नगर निगम का दावा भी फेल होता नजर आ रहा है। पांच महीने में दो बार सफाई कर्मी हड़ताल पर जा चुके हैं। इसके बावजूद निगम एजेंसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है।

काम कराकर कांट्रैक्टर गायब

सफाई कर्मियों की मानें, तो सफाई एजेंसी ने स्टेशनों का काम कांट्रैक्टर को दे दिया है। ऐसे में कांट्रैक्टर उनसे काम तो जमकर कराता है, लेकिन जब पेमेंट की बारी आती है तो कोई भी नजर नहीं आता है। इसके अलावा जो पैसे काटे जाते हैं, उसका भी आज तक कोई हिसाब नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में कैसे पता चलेगा कि किसके खाते में कितने पैसे जमा किए जा रहे हैं। इसके अलावा पेमेंट देने की एक तारीख तय की जाए जब हर हाल में पेमेंट किया जाए।