- SSP office में तैनात क्लर्क ने किया कारनामा, बगैर कप्तान को बताये कई पुलिस वालों को कर दिया इधर से उधर

- एसएसपी के संज्ञान में मामला आने के बाद क्लर्क के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला दर्ज, गिरफ्तारी का आदेश, आरोपी फरार

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भले ही ओहदा बाबू यानि क्लर्क जैसी मामूली पोस्ट का हो लेकिन अपने पद से ऊपर उठकर एक बाबू ने एसएसपी बनकर क्भ् पुलिस वालों का तबादला कर दिया। ये चौंकाने वाली खबर एसएसपी ऑफिस में हुए भ्रष्टाचार की कहानी बयान करने के लिए काफी है। क्योंकि यहां तैनात कार्यालय के बाबू ने एसएसपी का ही फर्जी हस्ताक्षर कर डायल क्00 के लिए प्रशिक्षण में लगे क्भ् सिपाहियों को ड्यूटी से हटा दिया। बुधवार को एसएसपी ने हस्ताक्षर को पकड़ लिया और उन्होंने दोषी क्लर्क लिपिक राणा प्रताप यादव के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही उसकी गिरफ्तारी का आदेश कैंट थाना प्रभारी को दिया। जिसके बाद देर शाम कैंट थाने में आरोपी लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी के आरोपों में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। जो इसके बाद से फरार हो गया।

फाइल खोलते ही हो गए शॉक्ड

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जस्ट डायल क्00 के लिए सिपाहियों का मलदहिया में प्रशिक्षण चल रहा है। कुछ सिपाही प्रशिक्षण से बचना चाह रहे थे। आरोपी राणा प्रताप यादव ने अपने परिचित सिपाहियों की ड्यूटी से हटाने संबंधित आदेश एसएसपी के फर्जी हस्ताक्षर से जारी कर दिया। इस बीच बुधवार को एसएसपी अपने कार्यालय में जन सुनवाई कर रहे थे। उसी समय प्रधान लिपिक ने डायल क्00 से जुड़ी फाइल उनके टेबल पर रखी। एसएसपी ने फाइल खोलकर देखा कि कई सिपाहियों की ड्यूटी में फेरबदल किया गया है। वह भी उनके हस्ताक्षर से। एसएसपी ने पहली नजर में अपना फर्जी हस्ताक्षर पकड़ लिया। छानबीन में पता चला कि यह कारस्तानी क्लर्क राणा की है। इसकी जानकारी मिलते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। कप्तान ने खुद दोषी क्लर्क को फोन किया तो फोन स्विच ऑफ मिला। जिसके बाद कप्तान की त्यौरी चढ़ गई। उनके तेवर देख लिपिक की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि आरोपी कार्यालय से गायब है। इस बाबत एसएसपी के आदेश से आरोपी के खिलाफ ब्क्9, ब्ख्0, ब्म्म्, ब्म्7 व ब्7क् के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। साथ ही एसएसपी ने कार्यालय व कैंप पर कार्यरत लिपिकों को चेतावनी दी कि यदि दोबारा मामला पकड़ में आया तो पूरे स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी।