- मंदिर में सुबह तीन बजे से ही लग गए रूटीन कार्यक्रम में

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saurabh.upadhyay@inext.co.in

GORAKHPUR:

मंदिर वही था, योगी आदित्यनाथ महराज भी वही थे, लेकिन बदला था तो रुतबा। एक सप्ताह पहले जब योगी आदित्यनाथ जी मंदिर से गए थे तो एक सांसद थे। लेकिन जब शनिवार को लौटे तो सीएम हो चुके थे। सीएम बनकर लौटे योगी आदित्यनाथ को लेकर हर कोई खुशियां मना रहा था। कार्यकर्ता मंदिर के बाहर खुशियां मना रहा था तो अंदर महाराज अपनी दिनचर्या में लगे हुए थे। रविवार को सीएम ने दिनचर्या की शुरुआत भी तीन बजे से ही की और छह बजे तक मंदिर, गौशाला से लेकर अस्पताल चक्कर लगाया और सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं लोगों से मिलते रहे और प्रमुख कार्यो को निपटाते रहे।

पहले योग, फिर पहुंचे गौशाला

सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह तीन बजे सोकर उठ गए। स्नान-ध्यान करने के बाद लगभग एक से सवा घंटे तक योगा किया और उसके बाद करीब पांच बजे नीचे उतरे और सबसे पहले गुरु गोरखनाथ और मंदिर के सभी देवी-देवताओं की पूजा की साथ ही उसके बाद मंदिर के पूरे परिसर की परिक्रमा की। उसके बाद मंदिर के भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान गौशाला गए। जहां गायों के साथ ही बछड़े उनको घेर लिया। गायों में उनके पास पहुंचने की होड़ मची हुई थी। इस दौरान लगभग आधे घंटे गौशाला में रहे योगी आदित्यनाथ ने किसी को सहलाया, किसको थपकी दी तो किसी को नाम से बुलाया। किसी को हल्की सी डांट भी लगाई। इसके बाद वह सभी गायों को अपने हाथों से गुड़, बिस्किट और हरा चारा भी खिलाया।

लोगों को संतुष्ट करें

इस दौरान कुछ लोगों से मिले तो सबके लिए निर्देश भी दिया। रविवार को जैसे ही वह नीचे आए लोगों उनसे मिलने के लिए बेताब हो गए। इस दौरान जो प्रमुख लोग थे उनको कक्ष में बुलाकर मिलते रहे। जिसमें सबसे अधिक लोग महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय और अन्य संस्थाओं से जुड़े लोग थे। इन लोगों को योगी आदित्यनाथ से मिलने वाले की जिम्मेदारी अरुणेश शाही ने ली थी। इस दौरान वह सभी को कुछ न कुछ निर्देश भी दे रहे थे। इस दौरान मंदिर के जिम्मेदारों को कहा कि अभी तक मैं लोगों को अपने परिवार का सदस्य समझ रहा था और लोगों को पर्याप्त समय देता था, लेकिन अब समय की कमी हो गई है। इसलिए आप लोगों पर जिम्मेदारी आ गई है। इसी निभाना होगा और सबको संतुष्ठ करना होगा। जो समस्याएं यहां से सुलझने वाली न हो उसे तत्काल मेरे पास भेज दें .मंदिर में जल्द ही कैंप कार्यालय बनाया जाएगा।

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अब इन लोगों पर आ गई प्रमुख जिम्मेदारी

अब मंदिर में योगी आदित्यनाथ के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने पर किसी तरह मंदिर व मंदिर के संस्थाओं के संचालन में कोई परेशानी न हो इसके लिए सबको अलग-अलग जिम्मेदारी दे दी गई है। मंदिर कार्यालय के प्रभारी द्वारिका तिवारी पहले की तरह ही मंदिर परिसर और इसमें स्थित सभी संस्थाओं का काम देखेंगे। रूटीन के कार्यो में कोई परेशानी न हो इसके लिए वित्तीय अधिकार बिल, चेकों पर दस्तखत व अन्य आदेश जारी करने का आदेश पूर्व कुलपति प्रो.यूपी सिंह को दिया गया है। वहीं मंदिर से जुड़ी शिक्षण संस्थाओं की निगरानी की जिम्मेदारी डॉ। प्रदीप राव को दी गई है।