- राज्य में शिक्षण व्यवस्था का उन्नयन सरकार की शीर्ष प्राथमिकता
- सीएस ने सभी जिलों के डीएम को लिखा पत्र, शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ का गठन
>DEHRADUN: राज्य में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने व सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने कमर कस ली है। चीफ सेक्रेटरी ने बाकायदा राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि राज्य में शिक्षण व्यवस्था में सुधार सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है। प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बकायदा शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ का गठन करने के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर ली गइर्1 है।
अब मासिक परीक्षाओं का भी होगा मूल्यांकन
मंडे को चीफ सेक्रेटरी ने सभी डीएम को भेजे पत्र में कहा कि राज्य के सभी राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर 12 तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए माह के आखिरी सप्ताह में मंडे व ट्यूजडे को मासिक आंकलन परीक्षा आयोजित की जा रही है। लेकिन इस मासिक परीक्षा की निर्धारित तिथि पर अवकाश होने के दौरान पूर्व के कार्यदिवस पर परीक्षा आयोजित की जाएगी। शैक्षिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के गठन की कार्ययोजना में स्पष्ट किया गया है कि जिस महीने अर्द्धवार्षिक परीक्षा व वार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएगी, उस महीने मासिक आंकलन परीक्षा आयोजित करने की जरूरत नहीं होगी। उक्त परीक्षाओं को ही मासिक परीक्षा मानते हुए मूल्यांकन किया जाएगा।
सीएम व चीफ सेक्रेटरी करेंगे समीक्षा
सीएस द्वारा डीएम को जारी पत्र में कहा गया है कि मासिक आंकलन परीक्षा मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में परफॉरमेंस इंडीकेटर (केपीआई) के रूप में भी अंकित है। जिसकी समीक्षा समय-समय पर सीएम व चीफ सेक्रेटरी द्वारा की जाएगी। मासिक आंकलन परीक्षा सुव्यवस्थित ढंग से की जा रही है या नहीं, इसकी समीक्षा अपने स्तर से हर महीने की सात तारीख को प्राप्त की जाए और हर माह की 10 तारीख को शिक्षा निदेशालय को सौंपी जाए। चीफ सेक्रेटरी ने सभी डीएम को निर्देश दिए हैं कि जनपद स्तर पर प्रभावी अनुश्रवण के लिए हर माह शासन को रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी। यह भी कहा कि जनपद स्तर से कोई सुझाव हों तो वे शासन को भेज सकते हैं।
- हर स्कूल के प्रधानाचार्यो पर मासिक आंकलन परीक्षा आयोजित कराने की होगी जिम्मेदारी।
- स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर रिजल्ट चस्पा किया जाए।
- परीक्षा का रिजल्ट शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।
- हर महीने सैटरडे को सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग होगी।
- मीटिंग में पैरेंट्स व शिक्षक स्टूडेंट्स के मासिक रिजल्ट के बारे में चर्चा करेंगे।
- हर सैटरडे को शिक्षण संस्थाओं में स्टूडेंट्स की शंकाओं को दूर करने के लिए डाउट क्लीयरेंस डे मनाया जाएगा।
- कैरियर का चयन व कैरियर की संभावनाओं के संबंध में 'बाल सखा पोर्टल' हुआ शुरू।
- बाल सखा पोर्टल से 11 व 12वीं के स्टूडेंट्स को कैरियर चुनने व संस्थानों के बारे में दी जाएगी जानकारी।