-झामुमो के गढ़ दुमका में एसटी मोर्चा की रैली में बोले सीएम रघुवर दास

--शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी पर बोला हमला

-बोले, सोने का च6मच लेकर पैदा होने वालों को गरीब-आदिवासी से कोई मतलब नहीं है, ऐसे नेताओं को आदिवासी समाज को पहचानना होगा

-बोले, प्रदेश के कुल बजट का 42 फीसद सिर्फ आदिवासियों के लिए

-आदिवासियों को चार-चार लाख मुर्गीपालन के लिए दिए जाएंगे।

-शिक्षा और रोजगार के लिए रघुवर दास ने आदिवासी समाज को भाजपा के साथ चलने का किया आह्वान

झारखंड बनने के बाद भी संताल परगना और संताल समाज का विकास नहीं होने के लिए मु2यमंत्री रघुवर दास ने तीन पूर्व मु2यमंत्री शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी को जि6मेवार ठहराते हुए आदिवासी समाज से विकास के भाजपा के साथ जुड़ने और चलने की अपील की है। उन्होंने कहा है, हे आदिवासी समाज! अब तो जाग जाइए। आपको भगवान सिदो-कान्हु की तरह बलिदान देने की भी जरूरत नहीं है। आपके लिए कोई भगवान भी नहीं आएगा। आदिवासी समाज शिक्षित होगा तभी उसका विकास होगा। शिक्षा से ही रोजगार मिलेगा। रोजगार मिलेगा तो विकास होगा। आदिवासी समाज को शिक्षित करना और रोजगार देना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

चलें गांव की ओर कार्यक्रम का समापन

दो दिन पहले झारखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता झारखंड मु1ित मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के प्रति सदन में तीखी टिप्पणी करने के बाद तनाव के माहौल में मु2यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को झामुमो के गढ़ दुमका आकर आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वालों पर सीधा हमला बोला। मौका था भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के हम चलें गांव की ओर कार्यक्रम के समापन का। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन का गढ़ होने के बावजूद दुमका के गांधी मैदान में मु2यमंत्री को सुनने अच्छी भीड़ जुटी थी। उत्साहित मु2यमंत्री ने 36 मिनट तक भाषण दी। उन्होंने आजादी के 70 साल में आदिवासियों का विकास नहीं होने के लिए कांग्रेस के साथ-साथ एकीकृत बिहार के दौरान दस साल तक शासन करने वाले राजद और उसका समर्थन करने वाले झामुमो को जि6मेवार ठहराया। कहा, झारखंड बनने के बाद संताल क्षेत्र से राज्य के तीन-तीन मु2यमंत्री बने।

नहीं लिया नाम

उन्हें बताना चाहिए कि आदिवासियों के विकास के लिए 1या-1या किया? इस विषय पर आदिवासी समाज को भी ¨चतन करना चाहिए। मु2यमंत्री ने पूरे भाषण के दौरान एक बार भी पूर्व मु2यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारे ही इशारे में खूब हमला बोला। खुद को मजदूर और गरीब का बेटा बताते हुए कहा कि देश ही नहीं संताल में भी वंशवाद की राजनीति चल रही है। ऐसे लोग राजनीति के लिए ध4बा हैं। हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुए कहा सोने का च6मच लेकर पैदा होने वाले गरीबी नहीं जानते हैं। उन्हें गरीब-आदिवासी से कोई मतलब नहीं है। ऐसे नेताओं को आदिवासी समाज को पहचानना होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड की भाजपा सरकार ने आदिवासियों के लिए विकास यज्ञ शुरू कर दिया है।

42 परसेंट बजट आदिवासियों के लिए

वित्तीय वर्ष 2017-18 में झारखंड का बजट 43,020 करोड़ का था। 18,026 करोड़ आदिवासी समाज के लिए प्रावधान किया गया। कुल बजट का 42 फीसद आदिवासियों के लिए। ऐसा पहली बार हुआ जबकि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को मिलाकर कुल बजट का 51.41 फीसद राशि खर्च कर रही है। इसके बाद मु2यमंत्री ने एक-एक कर आदिवासी और संताल समाज के लिए किए जा रहे कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि संताल में कमल खिलाने की जरूरत है। वह फरवरी महीने में संताल के सभी छह जिलों में घूमेंगे। दुमका रैली से उत्साहित मु2यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज को जागृत करने के लिए कोल्हान में भी रैली करेंगे।

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