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KANPUR: चुनाव में काउंटिंग से पहले भी प्रत्याशी कई बार हारता और जीतता है। कई पड़ाव होते हैं चुनाव प्रचार के। किसी प्रत्याशी के लिए ये नाक का सवाल होता है कि जब उसका कोई बड़ा नेता उसके चुनाव क्षेत्र में जनसभा करने पहुंचे तो वहां भीड़ हो और मैदान खाली न हो। समाजवादी पार्टी के अकबरपुर सीट से प्रत्याशी लाल सिंह तोमर फ्राइडे को कम से कम रैली की जंग में तो हार गए। सूबे का मुख्यमंत्री शहर में आए फिर भी ज्यादा लोग उसे सुनने न पहुंचें तो ये उस प्रत्याशी की ही मात है जिसके प्रचार के लिए सीएम आए थे। ये रैली पूरी तरह लाल सिंह तोमर की रैली थी क्योंकि कानपुर नगर से सपा प्रत्याशी सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल तो वहां गए भी नहीं। लाल सिंह तोमर के समर्थन में रैली करने यूपी के सीएम अखिलेश यादव सपत्नीक नौबस्ता के रेसकोर्स मैदान पहुंचे जहां आंधी ने उनका स्वागत किया।

आंधी ने बिगाड़ा पूरा 'खेल'

वैसे ही उम्मीद से काफी कम लोग रैली में पहुंचे ऊपर से रही सही कसर आंधी ने पूरी कर दी। सुबह से ही चल रही तेज हवा ने दोपहर आते-आते पूरा खेल खराब कर दिया। काफी मशक्कत के बाद सपा कार्यकर्ता मंच को बचा सके लेकिन सीएम साहब जब अपनी पत्‍‌नी डिंपल यादव के साथ मंच पर पहुंचे तो आंधी की वजह से मंच हिलने लगा । डिंपल ने सीएम साहब के कान में कुछ कहा। सीएम ने तुरंत सिक्योरिटी को इशारा किया और बस मंच पर बैठे अमिताभ बाजपेयी, चंद्रेश सिंह और दूसरे नेता तुरंत खड़े हुए और हाथ ऊपर कर मंच की कपड़े की छत को संभालने लगे। जब तक सीएम का भाषण चला सपा के लोग हाथ ऊपर ही उठाए रहे जैसे कि दिखा रहे हों कि गोवर्धन पर्वत हमने ही उठा रखा है।

क्या ऐसी होती है रैली?

अमूमन सीएम की रैली में काफी भीड़ उमड़ती है जिसको संभालना मुश्किल हो जाता है लेकिन यहां तो हाल दूसरा दिखा। वैसे ही आधे ग्राउंड को छोड़कर मंच बनाया गया। उसमें से आधे से कम में कुर्सियां पड़ी थीं और वो भी आधे से ज्यादा खाली दिखीं। और जो लोग आ भी रहे थे उनमें बच्चे, बंजारे बगैरह भी थे। कई लोग तो ऐसे मिले जिनका की वोट कानपुर नगर लोकसभा में है लेकिन भीड़ बढ़ाने के लिए मैदान पहुंच गए थे।

'जल्दी चलो वहां भी जाना है'

रैली में जो लोग आए भी थे तो उनमें से कई के मुंह से सुना गया कि जल्दी चलो भइया वहां भी जाना है। उनके साथ चल रहे कुछ लोगों ने तो ये भी कहा कि अरे वो तो अब तक चले गए होंगे। सीएम साहब इतनी देरी से आए कि वहां का प्रोग्राम अब हम लोगों को कैंसिल करना पड़ेगा। अब वहां का मतलब क्या है समझा जा सकता है।

ससुर की कमी पूरी की बहू ने

लोगों को उम्मीद थी कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पुत्र अखिलेश यादव के साथ रैली में पहुंचेंगे। पर वो नहीं पहुंचे। उनकी कमी उनकी बहू डिंपल यादव ने पूरी की। डिंपल के मंच पर पहुंचते ही लोगों में पूरे जोश से उनका स्वागत किया। जब तक डिंपल हाथ हिलाते रहीं लोग नारे लगाते रहे। दो मिनट के अपने संबोधन में डिंपल यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। इसलिए सपा सुप्रीमो को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सपा के उम्मीदवारों को वोट दीजिए।

निशाने पर सिर्फ मोदी और भाजपा

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में भाजपा को तो जमकर कोसा लेकिन और दूसरी पार्टियों जैसे बसपा, कांग्रेस को भूल गए। बीजेपी के पीएम पद के कैंडीडेट नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए बोले कि गुजरात से हमने शेर लिए हैं तो लकड़बघ्घे दिए भी हैं। यूपी में शेर तो रहेंगे लेकिन पिंजड़े में। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला किया है।

दूसरे का मंच याद रहा लेकिन

सीएम अखिलेश यादव ने कोयला नगर में हो रही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का जिक्र करते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि आंधी ने बीजेपी के मंच को गिरा दिया है। हाल इतना खराब हुआ कि कई लोग घायल भी हुए। उनके मुताबिक जब आंधी का प्रकोप नहीं झेल पाए तो फिर सपा की लहर कैसे झेलेंगे? हालांकि सीएम साहब अपने मंच की हालत पर कुछ नहीं ।

कम से कम इस बार तो

सीएम साहब ने कहा कि लाल सिंह तोमर को जिताइए। ये कई बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन जीते नहीं हैं.इस बार इनकी मदद करिए।

बांटकर दिखाइए लैपटॉप और

सीएम साहब ने बीजेपी के सीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि काहे का गुजरात मॉडल। यूपी में सपा की सरकार ने लैपटॉप बांटे, बेरोजगारी भत्ता दिया। अगर उनकी हिम्मत है तो वहां क्यों नहीं बांटा? अखिलेश यादव ने दावा किया कि यूपी में बिजली का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

ख्0 शहर, क्8 गांव

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुताबिक सरकार कोशिश कर रही है और बहुत जल्द प्रदेश के ख्0 शहर और क्8 गांवों को ख्ब् घंटे बिजली मिलने लगे। समाजवादी पार्टी की सरकार लगातार पब्लिक के हित में काम कर रही है और आगे करती रहेगी। उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए जो हो सकेगा करते रहेंगे।

तब प्रचार नहीं हुआ

उन्होंने कहा कि जब विधायक निधि से गाड़ी खरीदने की बात आई तो सबने खूब आलोचना की। पर जब मैंने ख्भ् लाख रुपए तक विधायक निधि से गरीबों के इलाज का डिसीजन लिया तो किसी ने जिक्र तक नहीं किया। तब प्रचार क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि सपा से बड़ी कोई सेक्युलर पार्टी देश में नहीं है। सपा सुप्रीमो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने तो मुझको सीएम बना दिया। क्या कोई और है जिसमें इतना दम है?