-विकास कार्यो का जायजा लेने दो जुलाई को आ सकते हैं CM योगी

- अधिकारियों की उड़ी नींद, तय समय में विकास कार्यो को पूरा करने पर लगाया जोर

क्ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्गफ्ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

पिछले महीने दो दिनी बनारस दौरे पर आये सीएम योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यो में सुस्ती पर काफी नाराजगी जताई थी। काम की गति को बढ़ाने का निर्देश देते हुए फिर से आकार कार्याें का निरीक्षण करने की चेतावनी दी थी। यही वजह है कि योगी अब अपने दिए गए निर्देशों की हकीकत जानने के लिए एक बार फिर से बनारस के दौरे पर आ रहे हैं। पूरी संभावना है कि सीएम दो जुलाई को दो दिनी बनारस दौरे पर आएंगे। हालांकि उनके कार्यक्रम का अभी तक फाइनल प्रोटोकॉल नहीं आया है। लेकिन सीएम के आने की खबर ने प्रशासनिक अमले की नींद उड़ा दी है। क्योंकि निर्धारित डेडलाइन पर कई प्रोजेक्ट के पूरा होने की डेट काफी नजदीक है। लेकिन काम बहुत ज्यादा बचा है। वहीं कुछ प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं जिनका उद्घाटन ही सीएम योगी को करना है। यही वजह है कि डीएम से लेकर कमिश्नर तक हर कोई सीएम के आने से पहले सब कुछ ठीक करने में जुट गया है।

प्रोटोकॉल का इंतजार

सीएम योगी का दो जुलाई को बनारस आने की सूचना तो लखनऊ से प्रशासन को मुंह जुबानी तो मिल चुकी है लेकिन अब तक आधिकारिक रूप में कुछ नहीं आया है। डीएम योगेश्वर राम मिश्र का भी कहना है कि सीएम के आने की संभावना है। इसलिए हर हाल में काम निर्धारित डेडलाइन तक पूरा करने का आदेश कार्यदायी संस्थाओं को दिया जा चुका है। इसमे मुख्यत: मंडुवाडीह आरओबी और रामनगर सामनेघाट पर बन रहा ब्रिज है। इन दोनों पुलों को फ्0 जून तक तैयार हो जाना है। क्योंकि योगी ने खुद इन दोनों पुलों के उद्घाटन करने की बात मई में अपने दो दिनी दौरे के दौरान कही थी। इसलिए दिन रात काम कर पुल का निर्माण पूरा करने का प्रयास है। वहीं पिछले दौरे में जहां योगी ने बनारस मंडल की समीक्षा की थी वहीं इस बार सिर्फ बनारस जिले पर फोकस होगा। इसके अलावा सीएम पीएम मोदी के गोद लिए गांव नागेपुर या जयापुर भी जा सकते हैं। डीएम का कहना है कि अब तक प्रोटोकॉल तो नहीं आया है लेकिन तैयारियां की जा रही हैं।

वरुणा कॉरीडोर पर भी निगाह

सीएम योगी ने प्रदेश की कुर्सी संभालते ही सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लखनऊ और बनारस में चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रीवर फ्रंट और वरुणा कॉरीडोर पर नजरे टेढ़ी कर रखी हैं। लखनऊ में गोमती पर बने रीवर फ्रंट में भ्रष्टाचार की चल रही जांच और कार्रवाई के बाद अब वरुणा कॉरीडोर पर भी सरकार कड़ा रूख अख्तिायार कर सकती है। क्योंकि वरूणा कॉरिडॉर में भी कई तरह की अनियमितताएं सामने आयी हैं। इसलिए वरुणा कॉरीडोर को भी दुरुस्त करने में अब अधिकारी जुट गए हैं।