- सीएम के जनता दरबार में उमड़ पड़े फरियादी, लगी रही लंबी लाइन

- कइयों को मिला आश्वासन तो कई लौटे निराश

GORAKHPUR: साहब हमें न्याय दिला दीजिए। मेरी आठ माह की बेटी का भविष्य खराब हो जाएगा। मेरे ससुराल वाले और पति दहेज की मांग कर रहे हैं। मेरे घर वालों की जितनी हैसियत थी, उन्होंने उतना दे दिया, लेकिन इनकी डिमांड कम ही नहीं हो रही है। अब इन्होंने मुझे मारना-पीटना भी शुरू कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में पहुंचने की कोशिश कर रही कुशीनगर कप्तानगंज के रामपुर चौबे गांव की रहने वाली खुशबू सिंह सुरक्षा व्यवस्था में लगे जिम्मेदारों से फरियाद किए जा रही थीं। आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी और अपनी आठ माह की बेटी को लेकर वह सीएम से मिलने की जिद कर रही थीं। काफी देर के बाद जिम्मेदारों को उस पर तरस आया तो वह सीएम से मिल सकीं। सीएम ने जिम्मेदारों को जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन खुशबू की तरह कुछ ही नसीब वाले थे जिनकी फरियाद सीएम तक पहुंच पाई, सैकड़ों लोगों को वापस लौटना पड़ गया।

दहेज उत्पीड़न और कब्जे की शिकायत

सीएम का दरबार तो सुबह 7 बजे शुरू हुआ लेकिन भोर से ही फरियादियों का तांता मंदिर कैंपस में लगने लगा। सीएम से मिलने और अपनी शिकायत उन तक पहुंचाने के लिए लोग आस लगाए हुए नजर आए। सात बजते-बजते भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि सिक्योरिटी में लगे जिम्मेदारों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। आने वाले फरियादियों में से सबसे ज्यादा मामले दहेज उत्पीड़न और जमीन पर किए गए अवैध कब्जे से जुड़े थे। जिन्हें संबंधित अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।

चंद घंटों में पहुंचे हजारों अप्लीकेशन

सीएम के दरबार में सुबह से फरियादियों का तांता लगना शुरू हो गया था। सबके हाथों में शिकायती अप्लीकेशन नजर आ रहे थे। सीएम के दरबार में पहुंचकर अपनी प्रॉब्लम दर्ज कराने के लिए हजारों का हुजूम मंदिर में पहुंचा। सुबह सात बजे से जनता दरबार 11 बजे तक चलता रहा, मगर सीएम 30 मिनट ही दरबार में बैठे। हुजूम ज्यादा होने की वजह से कर्मचारी ही जनता की अप्लीकेशन लेकर संबंधित अधिकारियों के पास उसे भेजते रहे। सीएम के दरबार से कई लोग खुशी-खुशी लौटे, तो वहीं कुछ की मुलाकात सीएम से न होने की वजह से उनके चेहरे पर मायूसी नजर आ रही थी।