Wall पर war

-योगी आदित्यनाथ के CM बनने के बाद सोशल मीडिया पर एक्टिविटी हुई तेज, कोई योगी के नाम से बना रहा फर्जी पेज

-तो कोई धर्म विशेष का जिक्र किया हुआ पोस्ट डाल उसे योगी तक पहुंचाने की कर रहा है अपील

VARANASI

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फेसबुक पर सम्भल में एक मुस्लिम बस्ती में शिवमंदिर होने की बात बताते हुए उस मंदिर के बंद पड़े होने का दावा कर एक पोस्ट डाला गया है। जिसको शेयर करते हुए सीएम योगी तक पहुंचाने की अपील की जा रही है ताकि इस मंदिर को आजाद कराया जा सके।

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प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के बंद किये जाने की चल रही कार्रवाई पर योगी के नाम से एक पेज बनाया गया है। इस पेज पर योगी की फोटो संग सभी तरह के बूचड़खानों को बंद करने या नहीं किये जाने के बाबत सवाल पूछा गया है। जिस पर सैकड़ों लोग एग्रेसिव कमेंट कर रहे हैं।

ये दोनों केसेज यह बताने के लिए काफी हैं कि अपने प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद सोशल मीडिया पर किस तरह से एक्टिविटी तेज हो गई है। हिन्दूवादी छवि के सीएम होने के कारण जहां एक ओर इनके समर्थक योगी के कई पेज बनाकर उनके फेवर में अपनी बातें पोस्ट कर रहे हैं तो वहीं एक दूसरा गुट सरकार के फैसलों को तोड़मरोड़ कर पेश कर मामले को तूल देने में जुटा है। जिसके कारण सोशल वॉल पर सीएम योगी के नाम पर जबरदस्त वार किया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस इस तरह के मामलों को तभी संज्ञान में ले रही है जब मामला थाने तक पहुंच रहा है।

क्या कर रहा साइबर सेल?

यूपी के सबसे संवेदनशील जिलों में शुमार बनारस में तो फेसबुक और व्हाट्स ऐप पर हद ही हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम से आधा दर्जन से ज्यादा पेज बनाकर आपरेट किये जा रहे हैं। वहीं योगी के फैसलों को लेकर खबरों के लिंक को बढ़ा-चढ़ाकर उसे शेयर किया जा रहा है। इसके अलावा योगी की फोटो लगाकर शराब व नॉनवेज बंदी को लेकर सोशल साइट्स पर मैसेज को वायरल किया जा रहा है। इन सबके बाद साइबर क्राइम को रोकने के लिए बना साइबर सेल पूरी तरह से फेल है। इस पूरी एक्टिविटी को कोई वॉच ही नहीं कर रहा है।

क्या ये कोई साजिश है?

- बीजेपी गर्वनमेंट बनने के बाद धर्म के नाम पर ज्यादा पोस्ट सोशल साइट्स पर वायरल हो रहे हैं

-फेसबुक पर सीएम योगी के नाम से आधा दर्जन पेज बने हैं

- इन पेजेज पर सीएम की कई पुरानी फोटोज और उनके फैसलों को तोड़मरोड़ कर पोस्ट किया जा रहा है।

-बिजली कटौती हो या फिर मांस की दुकानों पर प्रतिबंध सबको अपने अंदाज में पेश किया जा रहा है

- कई मंदिरों को वर्ग विशेष की बस्तियों में होने के बाबत पोस्ट किया जा रहा है

- यहां तक की दूसरे राज्यों में हुए दंगों की पुरानी फोटोज और क्राइम के अन्य मामलों को भी यूपी का बताकर शेयर किया जा रहा है

नियम हैं सख्त

- सोशल मीडिया के मिसयूज को रोकने के लिए सख्त कानून हैं

- इसके तहत आईटी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होता है

- जिसके बाद गिरफ्तारी और जुर्माना दोनों हो सकता है

- किसी पर टिप्पणी या किसी की मानहानि करने पर संबंधित व्यक्ति या सरकार इसे आधार बनाकर ऐसा करने वाले के खिलाफ मानहानि का दावा भी ठोंक सकती है

- साइबर क्राइम सेल मामले की जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करती है

इस तरह की हरकतें करने वालों के खिलाफ लगातार सख्ती बरती जा रही है। अभी तक तीन लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है। आगे भी अगर कोई सोशल मीडिया पर किसी तरह का गलत पोस्ट डालेगा तो उसके खिलाफ एक्शन होना तय है।

एन रवीन्द्र, आईजी जोन