- सीओ स्वर्णजीत कौर ने ली पूरे मामले की विस्तृत से जानकारी

- पीडि़त सीओ के सर्किल से हटा कर दूसरे सर्किल को दी गई जांच

Meerut: सीओ के साथ छेड़छाड़ मामले में आरोपी पक्ष का दबाव बढ़ने के साथ विवेचना को बदल दिया गया है। अब विवेचना पीडि़ता सीओ के सर्किल से हटाकर सीओ कैंट को दे दी गई है। अब देखना यह है कि सीओ कैंट पीडि़ता और आरोपी को न्याय दे पाएंगी या नहीं? इससे पहले भी पीटीएस के पूर्व डीआईजी पर छेड़छाड़ की विवेचना में उक्त सीओ सवालों के घेरे में आई थीं। पहले छेड़छाड़ की धारा हटाई फिर दोबारा से बढ़ाई गई थी।

क्या था मामला

गुरुवार को कलक्ट्रेट में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के प्रदर्शन के दौरान सीओ सिविल लाइन के साथ छेड़छाड़ हुई थी। आरोपी सुनील पांडेय को पुलिस ने मौके से ही पकड़ कर छेड़छाड़ और सरकारी कार्य में बांधा डालने और बदसलूकी में जेल भेज दिया था। मुकदमे की विवेचना पहले सीओ सर्किल के दारोगा मनोज कुमार को दी गई थी। आरोपी पक्ष के विरोध करने के बाद अब विवेचना सीओ कैंट स्वर्णजीत कौर को दे दी गई है। सीओ कैंट ने मुकदमें के सभी दस्तावेज जुटा लिए हैं। मामला पुलिस से जुड़ा होने के कारण अब देखना यह है कि इस विवेचना में कितनी पारदर्शिता बरती जाएगी। क्योंकि छह माह पहले भी सीओ स्वर्णजीत कौर को पीटीएस के पूर्व डीआईजी डीपी श्रीवास्तव पर लगे छेड़छाड़ के आरोप की विवेचना सौंपी गई थी। इसमें सीओ ने बड़ा खेल कर दिया था। पीडि़ता ने अफसरों से लेकर अदालत तक का सहारा लिया। तब जाकर सीओ ने निष्पक्ष कार्रवाई की। दरअसल, पहले तो सीओ ने मुकदमे में छेड़छाड़ की धारा फ्भ्ब् हटा दी थी। बाद में दबाव पड़ने पर लगाई थी। एसपी सिटी ओमप्रकाश का कहना है कि सीओ की विवेचना को निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। इसकी देखरेख अफसरों की निगरानी में होगी।