कोयला ब्लॉक आवंटन पर दाख़िल अपनी रिपोर्ट में एटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आवंटन की प्रक्रिया को अधिक बेहतर तरीक़े से किया जा सकता था और ग़लतियों से बचा जा सकता था.

उन्होंने कहा, "कोयला ब्लॉक के आवंटन में कुछ ग़लत हुआ है और इसे अधिक बेहतर ढंग से किया जा सकता था."

उन्होंने कहा, "हमने भरोसे के आधार पर निर्णय किए लेकिन कुछ चीजें ग़लत हो गईं."

सरकार अब तक कहती आई थी कि  कोयला ब्लॉक आवंटन में कुछ भी ग़लत नहीं हुआ है.

सरकार को झटका

केंद्र ने माना 'कुछ ग़लत हुआ कोयला खदान आवंटन में'

इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को करारा झटका देते हुए कहा था कि भारी निवेश का मतलब ये कतई नहीं है कि लाइसेंस रद्द नहीं हो सकता.

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या वह इन आवंटनों को रद्द करने पर विचार करना चाहती है या नहीं?

जस्टिस आरएल लोढ़ा सहित सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा था, "कंपनियों ने निकासी की अनुमति मिले बिना  कोल ब्लॉकों पर बड़े पैमाने पर निवेश किए. अब कंपनियों को परिणाम भुगतना होगा, इस बात का कोई मतलब नहीं है कि कंपनियों ने इसमें कितना बड़ा निवेश किया है."

इसके बाद गुरुवार को सरकार ने माना कि कुछ ग़लत हुआ है.

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