-सिक्कों को बैंकों में जमा नहीं किये जाने से लोगों में बढ़ा आक्रोश, नाराज व्यापारी उतर सड़कों पर

-हर ओर सिक्कों के लेनदेन को लेकर ऊहापोह कायम, न लेने पर मारामारी की आ जा रही है नौबत

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सिक्कों के लेनदेन को लेकर आरबीआई ने भले ही गाइडलाइन क्लीयर कर दी हो, डीएम भी सिक्कों के चलन में होने और इसे न लेने वालों पर कार्रवाई की बात कह रहे हो लेकिन बैंकों की मनमानी के कारण सिक्कों पर आई आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते बाजार में काफी ऊहापोह की स्थिति है हालात ये हैं कि सिक्कों के इकट्ठा होने और अपनी पूंजी फंसने के कारण व्यापारी अब उग्र होकर सड़कों पर उतरने लगे हैं। शुक्रवार को भी व्यापारियों ने सिक्कों को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं सिक्कों के चलते अब तो कानून व्यवस्था पर भी खतरा मंडराने लगा है क्योंकि सिक्कों को बैंकों में जमा नहीं किये जाने के कारण बाजार में इनको लोग लेने व देने से इंकार कर दे रहे हैं। जिसके चलते मारपीट की भी नौबत आ जा रही है।

हो चुका है हंगामा

सिक्कों को लेकर पिछले दिनों रामनगर स्थित पेट्रोल पंप पर मारपीट हो गई थी, जिसमें दो लोग जख्मी भी हुए थे। जंसा में सिक्कों के बैंक में जमा न होने के कारण कस्टमर ने उपद्रव किया था। पहडि़या पर भी बैंक ने सिक्के नहीं लिए तो कस्टमर ने हंगामा करने के बाद पुलिस को बुला लिया। ये तीनों घटनाएं तो लोगों के संज्ञान में आ गई लेकिन हालात ये हैं कि गांव से लेकर शहर तक हर ओर सिक्के को लेकर डेली टेंशन क्रिएट हो रहा है। छोटी गुमटी से लेकर बड़े बड़े शोरूम्स और ठेला खोमचा वाले भी सिक्के नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण किचकिच और मारपीट आम बात हो गई है।

महिलाओं के सामने बड़ा संकट

सिक्कों को लेकर महिलाओं के सामने सबसे बड़ा संकट है क्योंकि ऑटो वाले, राशन वाले और दूध वाला तक सिक्के नहीं ले रहे हैं। जवाब एक ही बैंक नहीं ले रहा तो हम क्यों ले। जिसके कारण महिलाओं को हर जगह काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।

बैंकों की ओर से लापरवाही हो रही है। बैंक सिक्के जमा नहीं कर रहे हैं। इसके कारण बाजार में सिक्के चल नहीं रहे हैं। हमारे पास बहुत सिक्के जमा हैं। अगर बैंक नहीं मानें तो अब आरपार की लड़ाई होगी।

अजीत सिंह बग्गा, अध्यक्ष, वाराणसी व्यापार मंडल

सिर्फ बैंक के अधिकारी यह बयान दे रहे हैं कि सिक्के बैंकों में लिए जा रहे हैं लेकिन ऐसा है नहीं। बैंकों के कारण हर व्यापारी परेशान है। जिसके कारण अब व्यापारी उग्र हो रहे हैं। हालात सुधारने के लिए प्रशासन को कुछ करना चाहिए।

प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष वाराणसी नगर युवा उद्योग व्यापार मंडल

कहीं सिक्के नहीं ले रहे हैं। मैंने पेट्रोल पंप पर तेल लेने के बाद उसे 200 रुपये के सिक्के दिए तो उसने मना कर दिया। पूछा क्यों तो लड़ने को तैयार हो गया।

शहाबुद्दीन रिंकू

थ्रू फेसबुक

बहुत ज्यादा दिक्कत है। हम अकेले जर्नी करते हैं और जब ऑटो वालों को सिक्का देती हूं तो नहीं लेते हैं और बहस करने लगते हैं।

माधुरी नेहा

ये समस्या हर ओर बढ़ रही है कि बैंक सिक्के ले नहीं रहे हैं और बाजार में कोई इनको पूछ नहीं रहा है। जबरदस्ती करो तो लड़ने को तैयार हो जाते हैं।

रवि जायसवाल

थ्रू व्हाट्स ऐप

पूछिये मत एक दिन मैंने एक गुमटी में चाय वाले को 20 रुपये के सिक्के दिए। उसने नोट मांगा तो मैंने कहा नहीं दूंगा तो वो मारपीट पर आमादा हो गया।

संदीप यादव

प्रॉब्लम बढ़ती ही जा रही है। हालात ये हैं कि बाजार में दुकानदार भी सिक्के ले नहीं रहे हैं जबरदस्ती करो तो ताव खाने लगते हैं। प्रशासन कुछ नहीं करेगा तो हालात बिगड़ सकते हैं।

मंदीप शुक्ला

कुछ तो करना चाहिए सरकार को हमने सिक्के घर पर थोड़ी न बनाये हैं। दुकान पर बहुत सिक्के इकठ्ठा हैं। कोई नहीं ले रहा है किसे दूं समझ नहीं आ रहा है।

सुरेश खन्ना