- बन रहा अमृत सिद्धयोग, सर्वार्थ सिद्धयोग, आयुष्मान योग, अमृत योग का संयोग

>BAREILLY: आगामी 9 फरवरी को पड़ने वाली माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी अभीष्ट फलदायी होगी। नक्षत्रों के सम्राट 'पुष्य नक्षत्र' में बन रहे 'चतुर्थ सिद्धयोग' का अद्भुत संयोग श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी करेगा। वहीं, शुक्ल पक्ष का चंद्रमा भी अपनी विलक्षणता लिए हुए है। जो इस संयोग को और बल प्रदान करेगा। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक इस संयोग में विधि-विधान से पूजा पाठ और दान पुण्य समेत अन्य धार्मिक कार्यो को करने का विशेष लाभ हाेता है।

चार योग, जो बना रहे संयोग

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पुष्य नक्षत्र सर्वाधिक फलदायी नक्षत्र यानि सम्राट माना जाता है। यह नक्षत्र चंद्रदोष को दूर करने वाला होता है। यह नक्षत्र ग्रह सिद्ध होने की वजह से पाप ग्रह युक्त और तारा के प्रतिकूल होने के बाद भी सभी कार्यो को सिद्ध करने वाला माना गया है। इसी खास नक्षत्र में इस बार गुरूपुष्य नक्षत्र में अमृत सिद्धयोग, सर्वार्थ सिद्धयोग, अमृत योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यो का मानना है कि यह संयोग कई वर्षो बाद बनता है। जिसका प्रभाव हर जातक पर पड़ता है।

देवगुरू हैं नक्ष˜ा के स्वामी

पुष्य नक्षत्र के स्वामी इस वर्ष देवगुरू वृहस्पति हैं। इसीलिए इस दिन विजयश्री प्राप्त करने के लिए विजय सूक्त का पाठ करना अतिश्रेष्ठ रहेगा। साथ ही यंत्र-मंत्र सिद्ध किया जाता है। ग्रह दोष निवारण के लिए यह नक्षत्र अपनी विशेष दशा में इस बार दिख रहा है। हालांकि, यह अति शुभ नक्षत्र है फिर भी इस नक्षत्र में विवाह करना शुभ नहीं है। क्योंकि चंद्रमा की विशेष दशा होने के बाद यह नक्षत्र पापग्रह युक्त होता है। जिसका प्रभाव भावी जीवन में प्रवेश करने वाले दंपत्तियों पर अवश्य ही पड़ता है।

शुभ योगों का मुहूर्त

गुरू पुष्य नक्षत्र में अमृत सिद्ध योग - थर्सडे सुबह 10.48 से फ्राइडे सुबह 7.04 बजे तक

सर्वार्थ सिद्धि योग - थर्सडे सुबह 7.04 से फ्राइडे सुबह 7.04 बजे तक

अमृत योग - थर्सडे सुबह 7.04 से सुबह 7.22 बजे तक

आयुष्मान योग - थर्सडे सूर्योदय से सूर्यास्त तक

इस बार पुष्य नक्षत्र शुभ संयोगों के साथ जातकों के जीवन में प्रवेश कर रहा है। विधि विधान से पूजन, दान, पुण्य करना विशेष फलदायी रहेगा।

पंडित राजीव शर्मा, ज्योतिषाचार्य