बोरिंग रोड निवासी बंदना के घर में भी एक 'नया मेहमानÓ आया है। लड़की है। इस बारे में उसकी मां कहती है कि यह सुंदर है। जरूर दूसरों से अलग होगी। मैंने नाम पहले से सोच रखा है- अनन्या। इसी प्रकार, दानापुर निवासी नवीन सिंह ने बताया कि शादी के पांच साल बाद लड़की हुई है। ये है मेरी आकांक्षा। हालांकि कई मां अभी भी डिलेवरी के बाद सामान्य हाल में आने का इंतजार कर रही हैं। बोरिंग रोड स्थित एक नर्सिंग होम में एक कपल ने कहा कि अभी नाम नहीं रखा है, घर के बड़ों से बात करेंगे। कंकड़बाग स्थित एक नर्सिंग होम में शनिवार की शाम न केवल नवजात की किलकारियों से वातावरण नवचेतना से भर गया, बल्कि शुभ घड़ी की सूचना मिलते ही बंधाई देने वालों का तांता लग गया। भले ही बच्चों के संबंध में प्लानिंग पेरेंट करते हैं लेकिन ये डॉक्टर ही हैं, जो इसे एक अंजाम तक पहुंचाते है। इस बारे में गाइनोकोलाजिस्ट डॉ सारिका राय का कहना है कि जब कपल आते हैं तो उनके मन में कई शंकाएं होती हैं, कई बार जांच के बाद जानकारी देने के बाद भी वे कई सवाल पूछते हैं.
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि डॉक्टर और पेसेंट के बीच ऐसी कड़ी बन जाए कि डॉक्टर के सलाह को वे गंभीरता से लें। इसके बाद ही शंकाएं न केवल दूर होती हैं, बल्कि डिलेवरी भी एक सही अंजाम तक पहुंचता है.एक ओर जहां तय तारीखों में थोड़ा बदलाव का क्रेज है तो दूसरी ओर एक मां यह भी सोचती है कि उसका बच्चा हेल्दी हो। कंकड़बाग निवासी सुधा देवी का मानना है कि नाम और तारीखें तो अपनी जगह है लेकिन उसके स्वास्थ्य से इतर कोई बात नहीं सोच सकती। आगे ईश्वर इस बेसब्री का अंत करे, घर-आंगन में खुशी हो.
एक जनवरी को कई बच्चों ने जन्म लिया है। सिर्फ अभी नहीं, कभी भी इनके जन्म के समय हर प्रकार के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए परिवार
के लिए यह बड़ा दिन देखने को मिलता है।
-डॉ सारिका राय, गायनोकोलाजिस्ट
कोई आकांक्षा तो कोई अनन्या
बोरिंग रोड निवासी बंदना के घर में भी एक 'नया मेहमान' आया है। लड़की है। इस बारे में उसकी मां कहती है कि यह सुंदर है। जरूर दूसरों से अलग होगी। मैंने नाम पहले से सोच रखा है- अनन्या। इसी प्रकार, दानापुर निवासी नवीन सिंह ने बताया कि शादी के पांच साल बाद लड़की हुई है। ये है मेरी आकांक्षा। हालांकि कई मां अभी भी डिलेवरी के बाद सामान्य हाल में आने का इंतजार कर रही हैं। बोरिंग रोड स्थित एक नर्सिंग होम में एक कपल ने कहा कि अभी नाम नहीं रखा है, घर के बड़ों से बात करेंगे। कंकड़बाग स्थित एक नर्सिंग होम में शनिवार की शाम न केवल नवजात की किलकारियों से वातावरण नवचेतना से भर गया, बल्कि शुभ घड़ी की सूचना मिलते ही बंधाई देने वालों का तांता लग गया। भले ही बच्चों के संबंध में प्लानिंग पेरेंट करते हैं लेकिन ये डॉक्टर ही हैं, जो इसे एक अंजाम तक पहुंचाते है। इस बारे में गाइनोकोलाजिस्ट डॉ सारिका राय का कहना है कि जब कपल आते हैं तो उनके मन में कई शंकाएं होती हैं, कई बार जांच के बाद जानकारी देने के बाद भी वे कई सवाल पूछते हैं.
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि डॉक्टर और पेसेंट के बीच ऐसी कड़ी बन जाए कि डॉक्टर के सलाह को वे गंभीरता से लें। इसके बाद ही शंकाएं न केवल दूर होती हैं, बल्कि डिलेवरी भी एक सही अंजाम तक पहुंचता है.एक ओर जहां तय तारीखों में थोड़ा बदलाव का क्रेज है तो दूसरी ओर एक मां यह भी सोचती है कि उसका बच्चा हेल्दी हो। कंकड़बाग निवासी सुधा देवी का मानना है कि नाम और तारीखें तो अपनी जगह है लेकिन उसके स्वास्थ्य से इतर कोई बात नहीं सोच सकती। आगे ईश्वर इस बेसब्री का अंत करे, घर-आंगन में खुशी हो.
एक जनवरी को कई बच्चों ने जन्म लिया है। सिर्फ अभी नहीं, कभी भी इनके जन्म के समय हर प्रकार के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए परिवार
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