-मंगलवार को साढ़े चार डिग्री गिरा पारा, कोहरे और ठंडी हवा से कांपे लोग

-आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा, घना होगा कोहरा

VARANASI

मौसम ने अपना मिजाज दिखाया और मंगलवार को पारा अचानक नीचे गिरा। ठंडी हवा के थपेड़े चलते रहे। इसके साथ ही कोहरा ने अपना कहर बरपाया। शहर को अपने आगोश में लिए रहा। इस मौसम को देखकर ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहे। जो निकलने पर मजबूर हुए वो पूरे दिन कांपते रहे। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले दिनों में पारा और नीचे जाएगा। कोहरे भी घना होगा और ठंडी हवा भी चलेगी।

साढ़े चार डिग्री गिरा पारा

मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पाण्डेय के पश्चिमी विक्षोभ के दौरान कोल्ड फ्रंट पूर्वाचल के पास हुआ। इसका असर हुआ कि पारा में तेजी से गिरावट हुआ है। सोमवार को मैक्सिमम पारा ख्0.8 डिग्री सेल्सियस था। जो मंगलवार को ब्.म् डिग्री की गिरावट के साथ क्म्.ख् डिग्री पहुंच गया। वहीं मिनिमम टेम्परेचर क्फ्.म् से ख्.फ् डिग्री गिरकर क्क्.फ् डिग्री पहुंच गया। आ‌र्द्रता मैक्सिमम क्00 और मिनिमम 9क् रहा। पूरे दिन शहर में कोहरा रहा। इसके साथ ही ठंडी हवा चलती रही।

आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी। कोल्ड फ्रंट गुजरने का असर आने वाले दिनों पर भी पड़ेगा। बुधवार को कोहरा और अधिक गहरा होने की संभावना है। पारा दो से तीन डिग्री और गिर सकता है। इसके साथ ही चलने वाली ठंडी हवा लोगों को कांपने पर मजबूर कर देगी।

विजिबिलिटी थी काफी कम

घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम थी। सुबह तो हालत यह थी कि चार से पांच फुट तक आगे देखना भी मुश्किल हो रहा था। अलसुबह बिस्तर छोड़कर दिनचर्या में लग जाने वालों ने इस मौसम को देखकर देर से दिन की शुरुआत की। घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या गिनती में थी। सुबह ए बनारस को निहारने वाले भी कम ही निकले। कोहरे की यह हालत दिन चढ़ने के बाद भी रही। सूरज के दर्शन दोपहर बाद हो सके। वह भी कुछ इस तरह कि जैसे वो अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए मशक्कत कर रहा हो। थोड़ी देर तक ही हल्की रोशनी आसमान में रही। बीच-बीच में कोहरा उसे ढक देता। शाम ने समय से पहले ही शहर को घेर लिया।

कांपते बीता दिन

पारा तेजी से नीचे गिरने का असर हुआ कि ठंड ने अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया। कोहरे के साथ ठंडी हवा चलती रही। जिन्हें घर से बाहर निकला उसका पूरा दिन कांपते हुए बीता। अचानक इस ठंडी के लिए शहर के लोग तैयार नहीं थे। अभी तक उनका काम हल्के गर्म कपड़े और कम्बल से चल जा रहा था लेकिन ठंड बढ़ने से उन्हें खुद को मोटे-मोटे गर्म कपड़ों में लपेटना पड़ा। रोज कमाने-खाने वाले ठंड से प्रभावित हुए। जिनके सिर पर छत नहीं है वो मौसम की मार से बचने के लिए शरण खोजते रहे। हालांकि ऑफिस और स्कूल बंद होने की वजह से स्टूडेंट्स और कामकाजी लोगों को राहत रही। उन्होंने ठंड से बचने के लिए खुद को देर तक कमरे में कैद रखा।