-बीएसएनएल के वर्कशॉप में पड़े हैं 200 से अधिक फोन मरम्मत के लिए

- ओवरहेड लाइन में मॉइश्चर के जमने से आ रही है बातचीत में दिक्कत

>BAREILLY: मॉइश्चर के कारण बीएसएनएल के यूजर्स को इन दिनों काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मॉइश्चर के कारण बीएसएनएल लैंडलाइन कस्टमर्स के फोन या तो डेड हो जा रहे हैं। या फिर बातचीत के दौरान उन्हें वाइस प्रॉब्लम को फेस करना पड़ रहा है। मॉइश्चर के कारण जहां बीएसएनएल ऑफिस में शिकायतें आई हैं। वहीं बीएसएनएल के वर्कशॉप पर काफी संख्या में डेड लैंडलाइन फोन रिपेयरिंग के लिए अाए हैं।

फ्रिक्वेंसी में आ रही दिक्कत

लैंडलाइन फोन की सर्विस मुहैया कराने के लिए बीएसएनएल की लाइनें शहर में दो तरह से बिछी हुई हैं। एक अंडर ग्राउंड जेली फील्ड केबल और दूसरा ओवर हेड लाइन, जो जमीन के ऊपर लगा हुआ है। ओवर हेड वायर को ड्राप वायर भी कहते हैं। ड्राप वायर पोल से उपभोक्ताओं के घरों में लगे लैंडलाइन फोन तक होता है। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि ठंड के दिनों में एनवॉयरमेंट में मॉइश्चर काफी बढ़ जाता है और यह जल्दी हटता भी नहीं है। सबसे अधिक दिक्कत अंडर ग्राउंड जेली फील्ड केबल में होती है। एक बार कहीं कटे हुए केबल में मॉइश्चर आ गया तो फिर समस्या जल्द खत्म नहीं होती है। ठंड में काफी दिनों तक मॉइश्चर बना रहता है। जो की फ्रिक्वेंसी में रुकावट पैदा करता है।

नहीं लगता है फोन

इन दिनों फ्रिक्वेंसी बाधित होने से बार-बार फोन ट्राइ करने पर भी जल्दी नहीं लग रहा है। लाइन कनेक्ट भी जाए तब भी बात के दौरान फोन में खरखराहट यानि वाइस क्वालिटी बहुत ही खराब आ रही है। एक-दूसरे की आवाज ठीक ढंग से सुनायी नहीं दे रही है। इसके चलते ही लैंडलाइन फोन के डेड होने का भी सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले कुछ ही दिनों में चौपुला एक्सचेंज पर बीएसएनएल के वर्कशॉप में 200 से अधिक डेड फोन मरम्मत के लिए पहुंचे हैं। वर्कशॉप के इंचार्ज अफसार खान ने बताया कि पोल से जुड़े ड्राप वायर को अगर पैक कर दिया जाये तो फिर फोन के खराब होने और सर्विस में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती।