-स्टूडेंट के शत-प्रतिशत पास होने का दावा

-कॉलेज की मान्यता को लेकर चल रहा है विवाद

-मैनेजमेंट ने बगैर अनुमति के बदली कॉलेज की जगह

BAREILLY :

सीबीएसई के वुडरो सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल मैनेजमेंट के फर्जीवाड़े के बाद यूपी बोर्ड के शांति मौर्य इंटर कॉलेज की जालसाजी सामने आई है। स्कूल मैनेजमेंट स्टूडेंट को शत-प्रतिशत पास होने की गारंटी दे रहा है, जो कि यूपी बोर्ड परीक्षा नियमों के विरुद्ध है। वहीं, कॉलेज मैनेजमेंट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की अनुमति के बगैर कॉलेज का स्थान परिवर्तन कर दिया। इस कारण कॉलेज की मान्यता को लेकर विवाद चल रहा है।

शत-प्रतिशत पास की गारंटी

सीबीगंज स्थित शांति मौर्य इंटर कॉलेज मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को शत-प्रतिशत पास होने की गारंटी दे रहा है। मैनेजमेंट दावा कर रहा है साइंस, कॉमर्स, उर्दू और कला वर्ग में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स शत-प्रतिशत पास होंगे। मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को यह धोखे की गारंटी केवल अधिक से अधिक एडमिशन अपने यहां करने के लिए दे रहा है। जबकि, यूपी बोर्ड के परीक्षा नियमों के मुताबिक कोई भी कॉलेज मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को पास होने की गारंटी नहीं दे सकता है। क्योंकि, पास या फेल होना स्टूडेंट्स की आंसरशीट्स पर निर्भर करता है।

मान्यता भी है विवादित

मैनेजमेंट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से खलीलपुर में कॉलेज चलाने की अनुमति मांगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मैनेजमेंट को कॉलेज चलाने के लिए मान्यता दे दी। मैनेजमेंट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से अनुमति लिए बगैर कॉलेज का स्थान परिवर्तन कर दिया। जबकि, नियमों के मुताबिक स्थान परिवर्तन के लिए विभाग से अनुमति लेनी होती है। विभाग की मुहर लगने के बाद ही मैनेजमेंट कॉलेज का स्थान बदल सकता है। वहीं, बगैर अनुमति के स्थान बदलते ही कॉलेज की मान्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती है।

अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप

कॉलेज मैनेजर ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पांच साल पहले इंटर की मान्यता और स्थान परिवर्तन की फाइल लगाई थी, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

वर्जन

शैक्षिक गुणवत्ता के भरोसे पर शत-प्रतिशत पास होने की गारंटी दी जा रही है। वहीं, विभागीय अधिकारियों ने लापरवाही बरतते हुए अभी तक मान्यता और स्थान परिवर्तन की फाइल पर मुहर नहीं लगाई है।

शांति मौर्य, मैनेजर

यूपी बोर्ड एग्जाम में पास होने की गारंटी देना नियमों के विरुद्ध है। मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुन्ने अली, डीआईओएस