PATNA: याद कीजिए निर्भया कांड जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद सूबे की सरकार और पटना पुलिस ने स्टूडेंटस और महिलाओं को छेड़खानी के साथ अन्य घटनाओं से बचाने व तत्काल मदद के लिए 'डायल क्00' बूथ एक्टिव किया। लेकिन यह बूथ कितना कारगर है। इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा सामने आया। इस हकीकत को आप भी जानें कि शहर के नामी कॉलेजों के पास बनाए गए बूथ और प्रशासन के दावे में कितना दम है।

- कुछ ही दिन में बैठ गए बूथ

राजधानी की बेटियां सुरक्षित रहें, इस क्रम में मगध महिला कॉलेज और पटना वीमेंस कॉलेज को प्रमुखता से लिया गया। दोनों ही कॉलेजों में बूथ बनाया गया। जब योजना चली तो शुरुआती दिनों में अधिक संख्या में शिकायतें भी पुलिस को मिली। इससे पता चल गया कि डॉयल क्00 का बड़ा ही अच्छा रिस्पांस है। लेकिन चंद दिनों में ही दोनों कॉलेज के बूथ बैठ गए। टेलीफोन डेड हुए तो फिर ठीक ही नहीं हो पाए। कई बार शिकायत भी हुई लेकिन अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया जिससे योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

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पटना वीमेंस कॉलेज

यहां बनाए गए डॉयल क्00 बूथ में धूल मिट्टी जमा है और टेलीफोन डेड है.इमरजेंसी में बेटियों को पुलिस की मदद चाहिए तो यहां आकर डॉयल करने की गलती करना समय की बर्बादी है। अक्सर यहां छात्राएं फोन करने का प्रयास करती हैं लेकिन मदद नहीं मिल पाती है। धूल खा रहे फोन को देखने से ही लगता है कि पुलिस ने कभी ध्यान नहीं दिया। कई बूथ तो कबाड़ से पटे हैं। स्टूडेंटस का कहना है कि ये पुलिस के दिखावे का बूथ है। यहां से तो मदद मिलने से रही।

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मगध महिला कॉलेज

इस कॉलेज की गेट के पास भी डॉयल क्00 का बूथ है। लेकिन यहां का भी हाल पीडब्ल्यूसी की तरह ही है। बूथ पर धूल की परत बता रही थी कि यहां कोई शिकायत करने नहीं आता है। स्टूडेंटस का कहना है कि जब बूथ बने थे तब काम कर रहे थे लेकिन बहुत जल्दी ही दम तोड़ गए। पुलिस इस दिशा में ध्यान ही नहीं देती है जिससे छात्राओं की परेशानी बढ़ जाती है। कई बार बूथ को एक्टिव करने की मांग पुलिस के अधिकारियों से की हैं लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।

-बूथ की पड़ताल में डेड मिला कनेक्शन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने भी क्00 नंबर डॉयल करने का प्रयास किया तो फोन साइलेंट मिला। यानी फोन डेड था। इससे समझा जा सकता है कि इसके मेंटेनेंस को लेकर पटना पुलिस ने कभी कोई काम ही नहीं किया है। महिला सुरक्षा का दावा करने वाली पटना पुलिस की लापरवाही की ये बड़ी बानगी है।