- बाइक से सामान की डिलीवरी करने वालों पर कसेगी नकेल

- कॉमर्शियल परमिट के बाद रेंट पर भी लिए जा सकेंगे बाइक

BAREILLY:

बाइक का यूज दूध, कोरियर व पिज्जा जैसे सामान की डिलीवरी में कर रहे हैं, तो फिर आपको वाहन का रजिस्ट्रेशन भी कॉमर्शियल कैटेगरी में कराना होगा। बाइक्स का बड़े स्तर पर कॉमर्शियल यूज होता देख ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने नया नियम बनाया है। इससे बाइक ओनर पर कॉमर्शियल टैक्स का एक्स्ट्रा बोझ तो पड़ेगा। साथ ही, उन्हें कई मामलों में सहूलियत भी मिलेगी। वहीं, रेंट पर बाइक का बिजनेस शुरू करने वालों को भी फायदा मिलेगा।

प्राइवेट परमिट, यूज कॉमर्शियल

अभी तक दूधिए, पिज्जा और कोरियर डिलीवर करने वालें प्राइवेट परमिट पर ही शहर की सड़कों पर बाइक दौड़ाते हैं। जबकि, वह बाइक के जरिए कॉमर्शियल काम करते हैं, जिससे ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को बड़े स्तर पर टैक्स की चपत लग रही थी। लिहाजा, डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बाइक जिनका यूज व्यावसायिक कार्य में किया जा रहा है, उनका परमिट कॉमर्शियल करने का फैसला किया। जिस क्रम में जीओ जारी कर बाइक के कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन, परमिट और एनुअल टैक्स का रेट क्लीयर कर दिया। साथ ही, इस तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

मोटर कैब केटेगरी में शामिल

आरटीओ प्रशासन ने एमवी एक्ट की धारा 2 (25) के तहत बाइक के रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। क्योंकि, इसमें मोटर कैब की परिभाषा में मोटर कैब के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह फोर व्हीलर ही हो। इसलिए बाइक भी मोटर कैब की केटेगरी में शामिल होगा। एक्ट की धारा-74 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए आरटीओ प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को मोटर कैब की केटेगरी में बाइक के रजिस्ट्रेशन और परमिट जारी करने के निर्देश दिए हैं।

3 महीने का समय

व्यावसायिक कार्य में लगी बाइक को कॉमर्शियल की कैटेगरी में शामिल करने के साथ ही पुरान बाइक ओनर्स को रजिस्ट्रेशन की टाइम लाइन तय कर दिया है। बाइक का व्यावसायिक यूज कर रहे ओनर्स तीन महीने में कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके बाद ऐसी बाइक्स की चेकिंग कर कार्रवाई की जाएगी। कॉमर्शियल बाइक के रजिस्ट्रेशन की 300 रुपए फीस देनी होगी। जबकि, फिटनेस फीस 230 रुपए, परमिट फीस पांच साल के लिए 1620 रुपए व रोड टैक्स प्रति सीट 660 रुपया क्वार्टर्ली देना होगा।

डीएल भी कॉमर्शियल

बाइक के कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन के बाद इसको ड्राइव करने के लिए लाइसेंस भी कॉमर्शियल कैटेगरी का लेना होगा। सनद रहे कि बाइक के लिए प्राइवेट ड्राइविंग लाइसेंस ही मान्य था, लेकिन कॉमर्शियल की स्थिति में यह बदल जाएगा।

बाइक्स के भी कॉमर्शियल परमिट जारी होंगे। ऐसा देखने में आ रहा है कि बाइक का इस्तेमाल कॉमर्शियल रूप में किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों के खिलाफ एक्ट तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन, बरेली