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JAMSHEDPUR: लौहनगरी में होटल कारोबारी, दुकानदार और सड़क पर ठेला लगाने वाले दुकानदार सब्सिडी वाले सिलेंडरों का प्रयोग कर सरकार को चूना लगा रहे है। जबकि नियम के तहत कॉमर्शियल उपयोग में घरेलू सिलेंडर का इस्तेमाल करना कानूनन जुर्म है। इसके बाद भी लोग नियमों को ठेंगा दिखा रहे है। प्रशासन द्वारा शहर में चेकिंग नहीं किए जाने से दुकानदारों के हौसले बुलंद हौं और वह बाहर खुले में ही रखकर ही उपयोग कर रहे है। आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को शहर में इसका जायजा लिया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। आई नेक्स्ट टीम को 80 प्रतिशत से भी ज्यादा दुकानों में घरेलू सिलेंडर जलते मिले।

खुलेआम चल रहा गोरखधंधा

शहर में 80 प्रतिशत दुकानदार सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर से ही काम कर रहे हैं। मैक्सिमम दुकानदार कार्रवाई से बचने के लिए एक दो कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर बाहर रखते हैं, जबकि दुकान के अंदर का सारा काम घरेलू सिलेंडर से ही लिया जाता है।

दोनों के रेट में काफी अंतर

सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 14.2 किलो के घरेलू कनेक्शन पर साल में 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी में यह सिलेंडर उपभोक्ताओं को 487 रुपये का पड़ता है जबकि नान सब्सिडी सिलेंडर की कीमत 787 रुपये है। इससे होटल मालिकों, ठेलेवालों को सीधे ही तीन सौ रुपये का लाभ हो जाता है।

दुकानदार करते हैं खेल

दुकानदार सस्ते में सिलेंडर लेने के लिए आम ग्राहकों जिन परिवार में साल में 12 सिलेंडरों का उपयोग नहीं होता या ऐसे परिवार जहां एक से अधिक कनेक्शन हैं, उन लोगों से 6 सौ रुपये में सिलेंडर खरीद लेते हैं। शहर में होटल मालिकों, ठेलेवालों को घरेलू सिलेंडर इस्तेमाल करने में कोई अंकुश न होने के कारण वे इसका फायदा उठाते हैं।

बुकिंग के 15 दिन बाद गैस

शहर में 15 से 20 दिन की बुकिंग वाले ग्राहकों के घरों में सिलेंडर नहीं पहुंचते हैं, लेकिन इन दुकानदारों के पास समय से पहले ही सिलेंडर पहुंच जाते हैं। सिलेंडर की हेराफेरी करने में कुछ एजेंसी संचालकों के साथ ही घर-घर बांटने वाले लोग खेल करते हैं।

घरेलू एलपीजी सिलेंडर का कॉमर्शियल यूज गलत है। विभाग इसकी जांच करेगा और जो भी दुकानदार या एजेंसी संचालक ऐसा करते पाये जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-रजत कुमार सिंह, नोडल अफसर, आईओसीएल जमशेदपुर