-राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 30 प्रस्तावों को स्वीकृति

PATNA: भूदान यज्ञ अधिनियम, क्9भ्ब् के तहत दान में मिली जमीन के प्रबंधन और वितरण में बिहार भूदान यज्ञ समिति की ओर से किए गए क्रियाकलापों की जांच होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को उच्चस्तरीय जांच आयोग गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में फ्0 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अफसर इस आयोग के अध्यक्ष होंगे। सदस्य के रूप में बिहार प्रशासनिक सेवा के दो रिटायर्ड अफसर होंगे और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से एक कार्यरत अफसर संयोजक होंगे। आयोग का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।

हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

दरअसल, भूदान यज्ञ समिति को दान में मिली जमीन पर स्वामित्व और दखल से संबंधित कई केस पटना हाईकोर्ट में दायर हैं। हाईकोर्ट ने झूलन बैठा की याचिका पर सुनवाई के क्रम में बिहार भूदान यज्ञ समिति को दान में प्राप्त भूमि के वितरण एवं प्रबंधन में बरती गई अनियमितताओं की जांच के लिए रिटायर्ड आइएएस की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच आयोग गठन का आदेश दिया था।

कई मामले लंबित

ज्ञात हो कि आचार्य विनोबा भावे की ओर से क्9भ्क् आरंभ भूदान अभियान में कई भूधारियों ने अपनी जमीन दान में दी थी। लगभग म्,ब्8,भ्9फ्.क्ब् एकड़ जमीन प्राप्त हुई। उचित प्रबंधन एवं वितरण के लिए सरकार ने भूदान यज्ञ अधिनियम, क्9भ्ब् एवं भूदान यज्ञ नियमावली, क्9भ्भ् बनाई। भूदान यज्ञ समिति से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दान में मिली कुल म्,ब्8,भ्9फ्.क्ब् एकड़ भूमि में से अबतक ख्,भ्म्,म्भ्8.9ब् एकड़ भूमि ही वितरित की गई है। इसमें भ्,7ब्9.7फ् एकड़ भूमि वितरण के लिए शेष है तथा फ्,8म्,क्8ब्.ब्7 एकड़ जमीन को वितरण के लिए अयोग्य करार दिया गया है।