- इंटीग्रेटेड सिटी के लिए 2005 में 918 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था

- अधिग्रहण के बाद मुआवजा भी दे दिया गया, लेकिन किसानों ने फिर कर लिया भूमि पर कब्जा

KANPUR : मंधना में इंटीग्रेटेड टाउनशिप बसाने में किसानों को दिए जाने वाला मुआवजा ग्रहण बन गया है। इस ग्रहण को दूर करने के लिए शासन के निर्देश पर कमेटी का गठन कर दिया गया है। यह कमेटी किसानों से बातचीत कर मुआवजे का पेंच खत्म कराएगी। कमेटी ने किसानों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप के निर्माण के लिए वर्ष 2005 में यूपीएसआईडीसी ने 918 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। यह भूमि मंधना, पचोर, विर्तियान बिठूर, पेम, शादीपुर व कुकरादेव गांव के किसानों की है।

कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया

वर्ष 2009 में किसानों को सात लाख रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा देकर भूमि पर कब्जा भी ले लिया गया था। हालांकि किसान मुआवजे की इस राशि से संतुष्ट नहीं थे। इधर भूमि का अधिग्रहण करने के बाद यूपीएसआईडीसी की तरफ से कोई निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया। यहां तक कि भूमि का चिन्हांकन कर बाउन्ड्री भी नहीं बनाई हई।

बोर्ड ने प्रस्ताव खािरज कर दिया

मुआवजे से असंतुष्ट किसानों ने खाली पड़ी जमीन पर दोबारा अपना कब्जा कर लिया। यह हालात देख यूपीएसआईडीसी प्रबंधन ने उन किसानों से मुआवजा राशि वापस लेकर भूमि वापस करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया। जब यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पेश किया गया तो बोर्ड सदस्यों ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया।

एमडी खुद हैं कमेटी में

अब शासन ने मंधना इंट्रीग्रेटड सिटी को बसाने के लिए यूपीएसआईड़ीसी को निर्देश दिए हैं। इस निर्देश के बाद एक बार फिर नए सिरे से किसानों को मनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए एमडी मनोज सिंह अधिशाषी अभियंता, क्षेत्रीय प्रबंधक पूर्वी और अन्य अफसरों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

किसानों की शर्ते जानेगी कमेटी

यह कमेटी किसानों से बातचीत कर मुआवजे के संबध में उनकी राय जानेगी। किसानों की और भी क्या शर्ते हैं। यह भी कमेटी जानेगी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद किसानों से समझौते के लिए एक फार्मूला तय किया जाएगा। यूपीएसआईडीसी प्रबंधन कोशिश कर रहा है कि ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी की तरह इन किसानों का भी मुआवजा तय कर दिया जाएगा। कमेटी के सदस्यों ने भूमि मालिक किसानों की लिस्ट निकाल कर उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया है।

(वर्जन वर्जन)

'किसानों से बातचीत करने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। मुआवजे का मामला तय कर समझौता हो जाने की की पूरी उम्मीद है.'

मनोज सिंह, एमडी यूपीएसआईडीसी