अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा चानू ने

गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन भारत के लिए दो-दो खुशखबरी आईं। सबसे पहला मेडल पुरुष वेटलिफ्टर गुरुराजा को मिला। उन्हें सिल्वर से संतोष होना पड़ा। वहीं पहला गोल्ड मीराबाई चानू के खाते में आया। मीरा बाई चानू ने आज अपने पहले ही प्रयास में 80 किलोग्राम वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बनाया। पिछला रिकॉर्ड 77 किलोग्राम का था जो कि अगस्तानिया ने बनाया था। इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने बड़ी ही आसानी से 84 किलोग्राम वजन उठा दिया। दूसरी कोशिश में 84 किग्रा वजन उठाकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। तीसरी और आखिरी कोशिश में 86 किग्रा वजन उठाकर दूसरी बार अपने ही रिकॉर्ड से आगे निकल गईं।

22 साल की उम्र में 22 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था

कर्णम मल्लेश्वरी के बाद चानू वर्ल्ड चैम्पियन बनने वालीं दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर हैं। उन्होंने यह एचीवमेंट नवंबर 2017 में हासिल किया था। तब उन्होंने 194 किग्रा (स्नैच में 85 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा) वजन उठाया था। उस वक्त चानू की उम्र 22 साल थी। वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल जीतने में 22 साल लग गए। कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के खाते में अब तक सिर्फ दो गोल्ड ही आए हैं।

पिछले कॉमनवेल्थ में जीता था सिल्वर

मीरा बाई चानू ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स जो कि 2014 ग्लास्गो में खेले गए थे उसमे चानू ने 48 किलो वर्ग में देश के लिए रजत पदक जीता था। पिछले कॉमनवेल्थ में 48 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड और सिल्वर दोनों ही मेडल भारत के नाम रहे थे। उस वक्त महज 20 साल की रहीं संजीता चानू ने भारत की ही मीराबाई चानू को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।