भारतीय पहलवानी के हीरो
इंडियन कुश्ती के सुपरस्टार सुशील कुमार ने आखिर अपने शानदार परफार्मेंस की वजह से गोल्ड पर कब्जा कर ही लिया. इस पदक के साथ ही सुशील कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय खेल के इतिहास में उनसे कामयाब पहलवान कोई और नहीं है. सच तो ये है कि ग्लास्गो में सुशील के लिये गोल्ड लेना महज औपचारिकता थी, जिसे उन्होंने बेहतरीन अंदाज में पूरा किया.

रिकार्डों के बादशाह
ग्लास्गो में सुशील का गोल्ड उनके असाधारण करियर में सोने पर सुहागा है. भारत के इतिहास में वह ऐसे इकलौते प्लेयर हैं, जिन्होंने 2 बार ओलंपिक में मेडल जीता है. 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रांज मेडल जीतने वाले सुशील ने 4 साल बाद लंदन ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीता. इससे पहले 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. 2010 में ही रूस के एलन गोरगाएव को वर्ल्ड चैंपिनयनशिप में मात देकर सुशील ने गोल्ड मेडल जीता था. 5 फुट 5 इंच के सुशील को 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. लंदन ओलंपिक के बाद सुशील कुमार करीब 2 साल तक पहली बार किसी मुकाबले में शिरकत की और फिर से उन्होंने साबित किया कि अखाड़ें में उनका कोई सानी नहीं है.

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