दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का खुलासा, ढाई लाख पटनाइट्स का पैसा चिटफंड में फंसा

'चट' कर गए मेहनत का 'फंड'

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PATNA: चिटफंड कंपनी पंजाब एल्कलीज एंड केमिकल लिमिटेड (पीएसीएल) को बंद हुए करीब भ् साल हो गए। इस कंपनी में पैसा लगाने वाले पटना के लगभग ढाई लाख निवेशक शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ख् फरवरी, ख्0क्ख् को पीएसीएल लिमिटेड नामक इस चिटफंड कंपनी को बंद कर दिया गया था। सेबी के मुताबिक इसमें देशभर के करीब भ्.क्भ् करोड निवेशकों का 8क् करोड़ और बिहार के करीब दस लाख लोगों का पैसा फंसा है। क्भ्0 एजेंट आत्महत्या कर चुके हैं और दर्जनों के घर नीलाम हो चुके हैं। ऑल इंवेस्टर सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन के बैनर तले पीडि़त निवेशक कई बार सेबी से गुहार लगा चुके हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मामले की पड़ताल की। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला

ये है पूरा मामला

चिटफंड कंपनी पीएसीएल वर्ष क्98फ् से ख्0क्ब् तक लगातार पब्लिक से पैसा वसूलती रही। लेकिन क्रियाकलाप संदिग्ध होने के कारण सिक्योरिटीज एंड इक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने इस कंपनी को आठ बार पब्लिक से पैसा नहीं लेने का आदेश दिया। लेकिन कंपनी ने हर बार सेबी की अनदेखी की।

बार-बार करती रही मनमानी

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएसीएल को बंद करने से पहले सेबी ने जब कहा था कि तीन महीने में निवेशकों का पैसा वापस करें तो करीब 8भ् दिनों के बाद पीएसीएल ने सैट में अपील की। लेकिन सैट ने भी तीन महीने में पैसा लौटाने की बात कही। फिर सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने में निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा। वर्तमान में यह चिटफंड कंपनी बंद है और इसके चार डायरेक्टर जेल के अंदर हैं। एक तथ्य यह भी है कि यदि ऑल इनवेस्टर सेफ्टी आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय सचिव लाल बाबू यादव के नेतृत्व में आंदोलन नहीं होता तो शायद चिटफंड कंपनी फरार हो जाती। इनके आंदोलन के बाद ही मामला कोर्ट पहुंच पाया।

कमेटी पर नजर

एससी ने पूर्व जज आरएस लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर पीएसीएल की संपत्ति नीलाम कर निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा। इसके क्भ् महीने बाद भी पैसा नहीं लौटाया गया। क्भ्0 एजेंट आत्महत्या कर चुके हैं।

सरकार करे हस्तक्षेप

राष्ट्रीय सचिव लाल बाबू यादव ने बिहार सरकार से मांग की है कि निवेशक कल्याण फंड के नाम ट्रस्ट से पीएसीएल की संपत्ति को खरीदे। कंपनी अपने क्0 लाख निवेशकों का क्भ्00 करोड़ रुपए वापस करे।

निवेशकों का दर्द

-रामकृष्ण नगर निवासी एवं इंश्योरेंस कंपनी में काम करने वाले राम अवतार प्रसाद का दो लाख फंसा है। इन्हें बेटी की शादी के लिए पैसे जुटाने हैं। पीएसीएल से करीब छह लाख से अधिक पैसे मिलते। इनकी नजर लोढ़ा कमेटी की कार्रवाई पर है।

-बोरिंग रोड निवासी नूतन शारदा को लीवर इनफेक्शन है। इलाज के लिए पैसे चाहिए। मोटी रकम निवेश की थी। बेटी की शादी करनी है। इन्हें करीब ब्.भ् लाख रुपए मिलते। नहीं मिलने से परेशान हैं।

-कुर्जी निवासी, एनआर झा दो साल से ग्लूकोमा से पीडि़त हैं। इलाज में पैसे चाहिए। आंखों में अचानक तेज दर्द उठता है। इनका एक मामूली बिजनेस है। इनका भी काफी पैसा निवेश में फंसा है।

-बिहारशरीफ निवासी संतोष को बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना है। फ‌र्स्ट सेमेस्टर का पैसा जमा किया लेकिन अब पैसे की किल्लत झेल रहे हैं। इनका भी लाखों रुपए पीएसीएल लि। में फंसा है।