-डीएल टेस्ट का रिजल्ट अब ऑनलाइन, ट्रेनिंग को खुलेंगे हॉस्टल

- फेल है या पास, ऑनलाइन मिलेगी जानकारी

- कभी भी कहीं से देखा जा सकेगा रिजल्ट

- फेल पर स्पष्ट किया जाएगा कि कहां हुई गलती

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sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW: आरटीओ में अपना डीएल बनवाने के लिए पहुंचने वालों के लिए यह खबर बेहद राहत देने वाली है। डीएल बनवाने वाले अक्सर दलालों के फेर में फंस महीनों चक्कर लगाते रहते हैं। लेकिन आने वाले दिनों में डिजर्विग कैंडीडेट्स को किसी भी मकड़जाल में फंसने की जरूरत नहीं होगी। असल में अब आपके टेस्ट का नतीजा सीधे कंप्यूटर जी बताएंगे। इसमें टेस्ट का भी डिटेल होगा कि आपने कहां-कहां चूक की है। असल में अब परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने वालों का रिजल्ट भी जारी करेगा। यही नहीं ड्राइविंग की ट्रेनिंग के लिए परिवहन विभाग अपने स्कूलों में हॉस्टल की व्यवस्था करेगा। वहां पर कैंडीडेट ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी ले सकेगा।

अलीगढ़ से होगी शुरुआत

अलीगढ़ में ऑटोमेटेड ट्रैक बनाए जाने की तैयारी चल रही है। इसके बाद प्रदेश के अन्य बड़े शहरों लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, मुरादाबाद, नोएडा से इसकी शुरुआत होगी। ऑटोमेटेड ट्रैक का नक्शा का फाइनल करने कानपुर प्रशिक्षण संस्थान से दो सदस्य परिवहन निगम ऑफिस आए। इन लोगों ने यहां पर तैयार नक्शे के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी कि अलीगढ़ में शुरुआत होने जा रही है। परिवहन निगम के कानपुर प्रशिक्षण संस्थान के धनजी राम ने बताया कि अब ऑटोमेटेड ट्रैक में ड्राइविंग टेस्ट के बाद लोगों को रिजल्ट ऑनलाइन दिया जाएगा। कम्प्यूटर के माध्यम से तैयार रिजल्ट में कोई उंगली भी नहीं उठा पाएगा। रिजल्ट में पास और फेल होने पर हर डिटेल सिलेसिलेवार दी होगी। फेल होने के कारणों का उल्लेख भी होगा। यह रिजल्ट कोई भी देख सकेगा।

हादसों पर लगाम कसने की कवायद

दरअसल, यूपी में ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को ऐसा बनाया जा रहा है जिससे दुर्घटनाओं में कमी आए। ऑटोमेटेड ट्रैक को परिवहन निगम के वर्कशॉप के आसपास बनाया जाएगा। यहां पर बस, कार, बाइक, जेसीबी मशीन, रोड रोलर और बुलडोजर चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। सबसे खास बात यह है कि सभी जगह एक हॉस्टल की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे में ड्राइविंग सीखने वाले यहां पर एडमीशन लेकर हॉस्टल में रहकर ट्रेनिंग सीख सकते हैं। उसके बाद टेस्ट देकर डीएल मिल जाएगा।

कोट

इसके लिए बड़ी जगह की जरूरत होगी, ऐसे में ऑटोमेटेड ट्रैक को वर्कशॉप के ईर्दगिर्द बिछाने की तैयारी है। दोनों के कार्यो को देखने के लिए एक एआरएम होगा। हॉस्टल से ट्रेनिंग लेकर निकलने वाले कुशल चालक होंगे तो उनसे दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी। प्रदेश के सभी जिलों में इसकी शुरुआत होनी है।

-के रविन्द्र नायक, परिवहन आयुक्त