लिंक पर क्लिक करते ही वायरस एक्टिव हो जाता है. यहां से वह आपको ऐसी वेबसाइट्स पर ले जाएगा जो बेहद आसानी से आपके पर्सनल कंप्यूटर या फोन पर इंस्टाल होने वाले वायरस में मौजूद होते हैं. ट्रोजन बैकग्राउंड में बिना आपकी जानकारी के अपना काम करता रहता है. कब आपकी पर्सनल इंफार्मेशन आपके कंप्यूकटर से दूसरे तक पहुंच जाती है यह आपको पता भी नहीं चलता.

सिक्यूरिटी एक्सकपर्ट्स के मुताबिक ट्रेंड माइक्रो ने पाया कि फेक फेसबुक प्रोफाइल के जरिए पापुलर ब्रांड पेज जैसे यूएस नेशनल फुटबाल लीग पर मैलिसियस लिंक पोस्ट किए जा रहे हैं. यह माना जा रहा है कि इन लिंक्स का कंट्रोल रशियन बिजनेस नेटवर्क के हाथों में है जो इंटरनेट यूजर्स की आइडेंटिटी और प्राइवेट इंफार्मेशन उड़ाने वाला ऑनलाइन क्रिमिनल गैंग है. ट्रेंड माइक्रो के मुताबिक ज्युइस ट्रोजन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे जुड़े मामले मई के महीने में पीक पर थे.

इस वायरस का नाम ग्रीक हॉर्स ट्रोजन के नाम पर रखा गया है जिस पर सवार होकर उन्हों ने सिटी ऑफ ट्रॉय को नेस्तहनाबूद कर दिया था. यह मैलिसियस लिंक, अटैचमेंट और इंफेक्टेंड वेब पेजेस में छिपकर बैठा रहता है और वक्त आने पर हमला करता है. यह बेहद आसानी से आपकी प्राइवेट इंफार्मेशन स्कैन कर सकता है. की स्ट्रोक लॉगिंग की मदद से यह आपकी लॉग इन डिटेल्स की भी जानकारी जुटाने में सक्षम है.

हमले से बचने के लिए क्या करें

  • इस वायरस के हमले से बचने के लिए नीचे दिए उपायों पर अमल करें
  • अनजाने लिंक पर क्लिक न करें
  • लिंक का सोर्स जानने के लिए उसे यूआरएल एक्सरे जैसी साइटों पर कॉपी-पेस्टि करें. साइट आपको सेफली दिखा देगी कि लिंक आपको लेकर कहां जाएगा.
  • अगर आप उसकी सेफ्टी के बारे में श्योर नहीं हैं तो उसे क्लिक न करें
  • अपने मोबाइल फोन या पीसी में लुकआउट या एवीजी जैसे एंटी वायरस इंस्टारल करें
  • लोग आपके इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट तक न पहुंच सके, इसलिए टू स्टेप वेरीफिकेशन के लिए साइन अप करें. ऐसे में जब भी आप लॉग इन करेंगे आपको अलग से एक यूनिक कोड भेजा जाएगा. ऐसे में अगर किसी के पास आपकी लॉग इन डिटेल हैं भी तो भी वह यूनिक कोड एक्सेस नहीं कर सकेगा.