जनता का क्या कसूर

सफाई कर्मियों की मांगें पुलिस और प्रशासन से है। लेकिन इसका खामियाजा निर्दोष जनता को भुगतना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से नगर की सफाई व्यवस्था ठप है। साथ ही गंदगी डालकर रोड जाम होने से भी हुई प्रॉब्लम आम आदमी ने ही भुगती। लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर गंदगी के ढेर लगे हैं। उधर, सिटीजन की बढ़ती प्रॉब्लम से प्रशासन भी बेखबर है। इसके अलावा नगर निगम में ताला बंदी हड़ताल होने के कारण अपनी समस्याओं के निदान के लिए पहुंच रहे लोगों को दिक्कत हो रही है।

स्वास्थ्य होगा प्रभावित

गंदगी के कारण सिटी में संक्रमण रोग फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। जिला अस्पताल के डॉ। अजीत सिंह बताते हैं कि गंदगी से हाके वाले वायरल, डेंगू, मलेरिया, टाईफायड आदि रोग हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं। गंदगी से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ेगा और बीमारियां भी बढेगी। गंदगी के असर से बच्चों की हेल्थ पर अधिक और जल्दी होता है।

अपराध है गंदगी फैलाना

सार्वजनिक स्थल पर गंदगी फैलाना, कूड़ा-कचरा डालकर रोड जाम करना, गंदगी से लोगों को हानि पहुंचाना आदि अपराध की श्रेणी में है। कानून में इसके लिए सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। अधिवक्ता सचिन दीक्षित बताते हैं कि सार्वजनिक स्थल पर गंदगी फैलाने, गंदगी से रोड जाम करने पर धारा 268, 269, 270 के तहत सजा होती है। इसमें छह माह से दो वर्ष की सजा हो सकती है। जबकि जुर्माना न्यायधीश के विवेक पर होता है। इसके अलावा नगर निगम में भी गंदगी फैलाने पर जुर्माना वसूलने का नियम है। गंदगी फैलाने अपराध होने और सजा, जुर्माना वसूली का प्रावधान होने के बाद भी इस अपराध में संलिप्त पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

"गंदगी फैलने की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई करती है। लेकिन दो दिन पहले गंदगी डालने की शिकायत किसी ने पुलिस से नहीं की."

-परशुराम यादव

एसओ ब्रह्मपुरी

"संविदा कर्मियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए प्रयास जारी है। वार्ता से हल तलाश लिया जाएगा."

-अब्दुल समद, नगर आयुक्त