दंगों के आरोपी रखे गए दूर
चुनाव समिति में कुल 24 सदस्य शामिल हैं, जिसमें बतौर अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का नाम सबसे पहले है. घोषणा पत्र समिति में भी 24 सदस्यों को जगह दी गई है और इसमे एके वालिया को अध्यक्ष बनाया गया हैं. हारून युसूफ चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष है, जबकि अनुशासन समिति के लिए अभिजीत सिंह गुलाटी का नाम अध्यक्ष पद के लिए घोषित किया गया है. प्रचार समिति में भी 24 सदस्य हैं, जबकि अनुशासन समिति में सिर्फ 6 लोगों को जगह दी गई है. वहीं सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को चुनाव समिति से दूर रखे जाने से पार्टी के फैसले पर चर्चा काफी तेज हो रही है.

प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की फटकार और इस ओर चुनाव के निर्णय के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शीला दीक्षित को वापस
लाने की मांग जोर शोर से थी. ऐसे में जब कल चुनाव समिति का गठन हुआ तो इसमें शीला दीक्षित समेत अरविंदर सिंह लवली, हारून युसूफ, जर्नादन द्विवेदी, अजय माकन, आरके धवन, करण सिंह, परवेज हाशमी, सुभाष चोपड़ा, जेपी अग्रवाल, प्रेम सिंह, मनीष चतार्थ, नसीब सिंह, मुकेश शर्मा, रमेश कुमार, महाबल मिश्रा, जय किशन, हसन अहमद, देवेन्द्र यादव, सुरेंद्र कुमार, कुंवर करण सिंह, फरहाद सुरी, महमूद जिया, दिल्ली फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के हेड का को शामिल किया गया है

भूमिका अभी तय नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी बीते दिनों पार्टी की ओर से मनाए गए पंडित नेहरू जयंती समारोह से ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस के 5 से अधिक नेताओं ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. सभी ने शीला दीक्षित की दिल्ली में अहम भूमिका समझाते हुए उनको दिल्ली वापस लाने की गुजारिश की थी. पार्टी सदस्यों की गुजारिश को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने  चुनाव समिति की सूची में शीला दीक्षित को जगह दी है. हालांकि इसके आगे शीला दीक्षित इस कमेटी में क्या रोल प्ले करेंगी इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

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