ऐसी है खबर
खबर है कि कनॉट प्लेस के इनर सर्कल में अब गाड़ियों की एंट्री पूरी तरह से बैन होने जा रही है। अभी इस फैसले को फिलहाल ट्रायल बेसिस पर तीन महीने के लिए लिया गया है। इसे फरवरी के अंत से लागू किया जाएगा। तीन महीने तक कनॉट प्लेस में गाड़ियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करके देखा जाएगा। उसके बाद इस फैसले की समीक्षा की जाएगी। ये पूरा ट्रायल अगर इन तीन महीने के दौरान सक्सेसफुल दिखा तो फिर इसको आगे के लिए स्थायी तौर पर लागू कर दिया जाएगा।   

ऐसा बताया गया कारण
इस तरह का फैसला लेने के पीछे कारण बताया गया है कि कनॉट प्लेस के अंदर पैदल चलने वालों को आसानी हो इसलिए ऐसा किया गया है। ताकि यहां गाड़ियों की भीड़भाड़ को कम किया जा सके। बता दें कि ये फैसला गुरुवार को शहरी विकास मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया है। अब एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस दोनों मिलकर इस योजना पर काम शुरू करेंगे। इसकी शुरुआत एक प्रॉपर प्लान बनाने से होगी।

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अधिकारियों ने दी जानकारी
दरअसल एनडीएमसी के अधिकारियों ने सरकार को इस बात की जानकारी दी है कि कनॉट प्लेस के इनर सर्कल में जाने वालों के लिए इसके आउटर सर्कल में काफी अच्छी पार्किंग बनी है। अपने निजी वाहन से आने वाले लोग इस पार्किंग का फायदा उठा सकते हैं। वो यहां अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि पालिका पार्किंग, शिवाजी स्टेडियम और बाबा खड़क सिंह मार्ग, इन तीनों में अच्छा खास पार्किंग स्पेस है। यहां कई गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। इन तीनों में मिलाकर कुल 3172 वाहनों के खड़े होने के लिए स्पेस है। एक वक्त में यहां करीब 1100 वाहन खड़े हो जाते हैं। अब अगर इनर और मिडिल सर्कल में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगेगी, तो इन पार्किंग में गाड़ियां बेहद आसानी के साथ खड़ी हो सकती हैं।  

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तीन महीने कनॉट प्‍लेस पैदल ही जाना होगा,न गाड़ी होगी और न...!

पैदल चलने वाले ये लकते हैं इनकी मदद
अब सवाल ये उठता है कि अगर इनमें से कोई पैदल न चलना चाहता हो, या किसी को कोई तकलीफ हो तो क्या किया जाए। आइए देते हैं आपको इस बात का भी जवाब...। ऐसे लोगों को इनर सर्कल तक ले जाने के लिए यहां बैटरी से चलने वाली गाड़ियां चलेंगी। इन गाड़ियों पर बैठकर ये लोग अंदर जा सकते हैं। वहीं एनडीएमसी के इस फैसले से सीपी के व्यापारी नाखुश हैं। आइए देखें क्या कहना है इनका इस बारे में।         

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व्यापारियों का ये है कहना
इस फैसले को लेकर नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (NDTA) के अध्यक्ष अतुल भार्गव कहते हैं कि कनॉट प्लेस एक कॉमर्शियल सेंटर है न कि कोई टूरिज्म डेस्टिनेशन। अब जितनी देर इसके इनर सर्कल में गाड़ियों की आवाजाही बंद की जाती है, उतनी देर इसका आउटर सर्कल चोक हो जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला था योगा दिवस पर।

ऐसे बताया अपना नुकसान
इसके आगे वो कहते हैं कि पहले ही यहां पैदल चलने वालों के लिए 20 फीट का वॉकिंग स्पेस दिया गया है। कुल मिलाकर पहले से ही यहां पार्किंग की कमी है। जरा कोई बताए कि यहां आने वाले कितने लोग शिवाजी स्टेडियम और शंकर मार्केट में जाकर अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों के इस फैसले से और कुछ हो न हो, लेकिन यहां का बिजनेस जरूर प्रभावित होगा।

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