नो डेवलपमेंट जोन घोषित होने के बाद भी हो रहा निर्माण

पहले से बसे लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं को हैं मोहताज

ALLAHABAD: गंगा के कछारी इलाके में निर्माण का एक भी ईट रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस पर हाईकोर्ट के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी रोक लगा रखी है। लेकिन इसके बावजूद कछारी एरिया में एक-दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक कालोनियां और सैकड़ों मकान बन चुके हैं। यही नहीं निर्माण लगातार जारी भी हैं। छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा जैसे हर साल बाढ़ में डूबते हैं।

वोटर और वाशिंदे तो हैं

इस इलाके के लोगों का कहना है कि वे प्रतिबंधित क्षेत्र में ही सही, लेकिन वाशिंदे और वोटर तो नगर निगम के ही हैं। एलनगंज, चर्च लाइन, करनपुर, रामप्रिया रोड, ढरहरिया, छोटा बघाड़ा, सलोरी, बड़ा बघाड़ा, गोविंदपुर, सादियाबाद, शिवकुटी, तेलियरगंज, दारागंज, रसूलाबाद, मेंहदौरी, बेली, राजापुर और नेवादा इलाकों में नदी किनारे हजारों मकानों का निर्माण हुआ है। निर्माण लगातार जारी भी है।

क्षतिग्रस्त हैं सभी सड़कें

बुधवार को अपने कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर छोटा बघाड़ा पहुंचा और लोगों से मिला। एलनगंज, टीसी बनर्जी रोड, चर्च लाइन की प्रमुख सड़कों को छोड़ दें तो पूरे छोटा बघाड़ा और ढरहरिया की सड़कें क्षतिग्रस्त दिखी। 2012, 14 और 16 के बाढ़ में खराब सड़कें व गलियां अब तक नहीं बनी हैं।

घनी आबादी वाले छोटा बघाड़ा व ढरहरिया में न नाला है और न नाली। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि प्रतिबंधित क्षेत्र में काम नहीं हो सकता।

डॉ। अरुण मिश्रा

जब यहां सामान्य दिनों में जल निकासी अक्सर समस्या बनती है तो फिर बारिश में क्या हाल होता होगा यह बताने की जरूरत नहीं।

दीपू सिंह

ढरहरिया व छोटा बघाड़ा में गर्मी में पानी पाने के लिए लोग परेशान रहते हैं तो बरसात में पानी से बचाने के लिए गुहार लगाते हैं।

कमलेश यादव

रेलवे क्रासिंग का नाला, रामप्रिया रोड का नाला, छोटा बघाड़ा का नाला कभी साफ ही नहीं होता है। इसकी वजह से अक्सर पानी भरता है।

मिंटू दुबे

वार्ड में एक भी कूड़ा अड्डा नहीं है। एक गाड़ी आती है और कचरा ले जाती है। खाली प्लाट व रेलवे लाइन के बगल भी कचरा फेंका जाता है।

विपिन सिंह

छोटा बघाड़ा में गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। घनी आबादी व कछारी क्षेत्र होने की वजह से पूरे वार्ड में सफाई नहीं हो पाती है।

वीरेंद्र कुमार

बरसात में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। रोड पर एक तरफ पानी लगा रहता है तो दूसरी तरफ कीचड़ व फिसलन से लोग घायल होते हैं।

बबलू सिंह

कछारी इलाके में कई अवैध कॉलोनियां बसी हैं। अब भी निर्माण हो रहा है। एडमिनिस्ट्रेशन रोक नहीं लगा पा रहा। इसके बावजूद नगर निगम पब्लिक की सुविधाओं का ध्यान रखता है। पानी देते हैं, सफाई कराते हैं। पानी भरा तो पंप भी लगवाते हैं।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम