- ओवर ब्रिज के कंस्ट्रक्शन वर्क को लेकर लोगों में है हादसे की आशंका

- न्यू कॉलोनी गौरया स्थान के पास बन रहे ओवर ब्रिज का दो बार गिर चुका है गार्टर

- तारकेश्वर पांडेय के घर का पिछला हिस्सा ध्वस्त और ग्राउंड फ्लोर में पड़ी दरार

PATNA CITY : पता नहीं कब बड़ा हादसा हो जाए। ये सोच कर डर लगता है, लेकिन करें क्या? रहने के लिए कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। हर पल डर-डर के अपने ही घर में रहना पड़ रहा है। बच्चों पर भी ध्यान देना पड़ता है। दरअसल पटना सिटी के बाहरी बेगमपुर स्थित न्यू कॉलोनी गौरया स्थान के पास रह रही तीन अलग-अलग फैमिली अपनी लाइफ बीते कुछ दिनों से दहशत में बिता रहे हैं। उनके मन में बसा डर क्राइम की किसी वारदात को लेकर नहीं है, बल्कि पास में ही नए ओवर ब्रिज के कंस्ट्रक्शन वर्क को लेकर है।

घर में रहने से लगता है डर

तारकेश्वर पांडेय की फैमिली हो या सीमा गुप्ता की फैमिली, सभी को अपने घर में रहने से ही डर लगने लगा है। दो बार गार्टर गिरने से तारकेश्वर पांडेय के घर का पिछला हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। साथ ही ग्राउंड फ्लोर के पूरे हिस्से में दरार पड़ गई है। छोटे बेटे गुंजेश कुमार पांडेय बताते हैं कि अब उनकी फैमिली वालों को अपने ही घर में रहने से डर लगने लगा है। हर पल उन्हें हादसे का डर सताने लगा है। लेकिन रहने के लिए दूसरा ठिकाना नहीं होने के कारण उसी घर में रहना पूरी फैमिली वालों की मजबूरी है। वहीं सीमा गुप्ता को हार्ट की बीमारी है। एक बेटे के साथ वह अपने घर में रहती हैं। जिस टाइम हादसा हुआ उनका बेटा एमबीए की क्लास करने गया था। हादसे के टाइम वह चिल्लाती हुई घर से बाहर निकली थीं। पीडि़त फैमिली वालों की मानें तो ब्रिज का निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने उन्हें मुआवजा देने की बात कही है।

क्ख् दिनों के अंदर दो बार गिरा गार्टर

पटना सिटी को एनएच-फ्0 से जोड़ने के लिए नया ओवर ब्रिज बनाया जा रहा है। ओवर ब्रिज का कंस्ट्रक्शन वर्क पिछले तीन साल से जारी है। रेलवे लाइन के दोनों तरफ पिलर बनाए गए हैं। जिसके ऊपर गार्टर रखने का वर्क चल रहा है। पिलर के ऊपर पहले से दो गार्टर रखे जा चुके हैं। क्9 जुलाई की देर शाम करीब फ्भ् टन का तीसरा गार्टर रखा जाना था। क्रेन के सहारे गार्टर को उठाया गया, जो पिलर पर पहुंचने के पहले ही गिर गया। इसके पहले 7 जुलाई को करीब ख्0 टन का गार्टर पहली दफा गिरा था। दोनों गार्टर की लंबाई ख्0 फीट थी।

दोनों बार तीन फैमिली वाले आए जद में

7 व क्9 जुलाई को गार्टर गिरा तो दोनों ही बार तीन फैमिली वाले इसकी जद में आ गए। जिसमें तारकेश्वर पांडेय, सुनील गुप्ता और सीमा गुप्ता की फैमिली शामिल है। दोनों ही दफे इनके घर के पिछले हिस्से में गार्टर गिरा। हालांकि दोनों ही हादसों के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई।

कंस्ट्रक्शन पर उठ रहे हैं सवाल

क्ख् दिनों के अंदर दो बार गार्टर गिरने से कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऊपर सवालिया निशान लग गया है। सूत्रों की मानें तो गार्टर बनाने में सही रॉ मेटेरियल का यूज नहीं किया जाना और वर्क में लापरवाही बरतना शामिल है। टूट कर गिरने वाले दोनों ही गार्टर का वजन काफी ज्यादा था। बावजूद इसके गार्टर को उठाने के लिए कम क्षमता वाला क्रेन लाया गया था। साथ ही गार्टर को तीन जगहों पर नट-बोल्ट से कसा जाता है, लेकिन दो जगहों पर ही कसा गया था। इस कारण गार्टर टूट गया। हालांकि इस बारे में कंस्ट्रक्शन कंपनी के किसी अधिकारी से बात नहीं हो सकी है।