-कंज्यूमर फोरम में दायर वाद के बाद कंपनी को समझौता करने को देने पड़े 25 हजार रुपए

-बैंक ने पॉलिसी सरेंडर करने के तीन दिन बाद अकाउंट से काट ली थी प्रीमियम की रकम

<-कंज्यूमर फोरम में दायर वाद के बाद कंपनी को समझौता करने को देने पड़े ख्भ् हजार रुपए

-बैंक ने पॉलिसी सरेंडर करने के तीन दिन बाद अकाउंट से काट ली थी प्रीमियम की रकम

BAREILLY BAREILLY :

इंश्योरेंस कंपनी को कस्टमर के साथ धोखाधड़ी करना महंगा पड़ गया। पॉलिसी सरेंडर करने के बाद भी पॉलिसी धारक के अकाउंट से प्रीमियम की रकम काट ली गई। पॉलिसी धारक ने इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उसकी नहीं सुनी गई। हारकर पीडि़त ने कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में कंपनी ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए काटी गई प्रीमियम की रकम वाद व्यय समेत देकर समझौता कर लिया।

ख्भ् अगस्त को सरेंडर की पॉलिसी

कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बिहारीपुर क्भ्9 निवासी जोगिन्दर राजपूत ने दायर वाद में बताया कि उन्होंने वर्ष ख्0क्फ् को एक इंश्योरेंस कंपनी से एक पॉलिसी ली थी, जिसका प्रीमियम क्9,8फ्म् रुपए उनके बैंक अकाउंट से ही कट जाता था। किसी कारण जोगिन्दर को परेशानी हुई तो उसने ख्भ् अगस्त ख्0क्7 को पॉलिसी सरेंडर कराने के लिए ब्रांच में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर ब्रांच मैनेजर ने जमा धनराशि क्,7ब्,क्म्ब् रुपए में से कटौती करके रुपए वापस करने की सहमति देते हुए प्रोसेस भी पूरी कर दी।

ख्8 अगस्त को काटा प्रीमियम

इसके बाद जोगिन्दर के अकाउंट से क्9,8फ्म् रुपए ख्8 अगस्त ख्0क्7 को प्रीमियम जमा करने के नाम पर काट लिए गए। इसके बाद 87,08ख् रुपए वापस इंश्योरेंस कंपनी ने जोगिन्दर को वापस कर दिए और पॉलिसी धारक जोगिन्दर की पॉलिसी संख्या क्7भ्फ्09ख्भ् को बंद करने को कह दिया। जोगिन्दर जब बैंक से रुपए निकालने के लिए गए तो उन्हें प्रीमियम के नाम पर पैसे कटने की जानकारी हुई। जिस पर उन्होंने शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर जोगिन्दर ने इंश्योरेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर और कार्यकारी वाइस प्रेसीडेंट को अपने अधिवक्ता मनोज शर्मा के माध्यम से नोटिस भेजा। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर जोगिन्दर ने कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर को पक्ष रखने के लिए तलब किया तो कंपनी के कर्मचारी ने कोर्ट में भूल स्वीकार करते हुए क्षतिपूर्ति करने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी से ख्भ् हजार रुपए जोगिन्दर को दिलाने के बाद फैसला करा दिया।