-पीडि़त ने 2007 में बीडीए से खरीदा था प्लॉट, लेकिन बीडीए ने दस साल बाद भी नहीं दिया कब्जा

-कंज्यूमर फोरम में दायर किया था बीडीए सचिव और उपाध्यक्ष के खिलाफ वाद

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हाउसिंग से जुडे़ 714 मामले

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बीडीए ने बेचे गए एक प्लॉट पर खरीदार को दस साल बाद भी कब्जा नहीं दिया। मामला कंज्यूमर फोरम कोर्ट सेकेण्ड में पहुंचा। जिस पर सुनवाई करते हुए फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह राठौर ने बीडीए सचिव और उपाध्यक्ष पर 3,57,572 रुपए का जुर्माना लगाया है। फोरम ने बीडीए को आदेश दिया है कि वह जुर्माना राशि का पीडि़त को एक माह के अन्दर ही भुगतान कर दे अन्यथा 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देना होगा।

जमा कर दी थी पूरी रकम

दिल्ली के सरोजनी नगर निवासी संजीव अग्रवाल ने कंज्यूमर फोरम में दायर किए वाद में बताया कि उन्होंने वर्ष 2007 में बीडीए से एक आवासीय प्लॉट की बुकिंग कराई थी जिसमें उन्होंने 32,625 पंजीकरण और 43,933 आंवटन धनराशि के जामा कर दिए थे। प्लॉट की कीमत 3,52,572 रुपए बताई गई थी, आवंटन और पंजीकरण राशि जमा करने के बाद बाकी रकम किस्तों में जमा करना थी। संजीव अग्रवाल ने बाकी रकम को किस्तों में 2011 तक किस्तों में जमा कर दी थी। इसके बाद बीडीए ने प्लॉट पर कब्जा नहीं दिया। जिससे परेशान होकर उन्होंने कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया। जिस पर सुनवाई करते हुए फोरम के अध्यक्ष ने बीडीए सचिव और उपाध्यक्ष को प्लॉट पर कब्जा न देने के लिए दोषी पाया, और जुर्माना लगा दिया।