i special

- रोज 2000 कुंतल केले की है खपत, डेली 100 गाडि़यां आती हैं मंडी में

- एवरेज 20 रुपए दर्जन केला बिक रहा है मार्केट में

GORAKHPUR: नवरात्रि में फल-मूल की खपत बढ़ गई है। व्रत के कारण अधिकतर लोग फल का सेवन कर रहे हैं, इसके लिए इसका कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है। बात सिर्फ केले की ही करें तो नवीन मंडी महेवा में रोज 100 गाडि़यां आ रही हैं। रोज 2000 कुंतल केला गोरखपुराइट्स खा रहे हैं। खुदरा में यह करीब 20 रुपए दर्ज बिक रहा है। इस तरह यह कारोबार करीब 40 लाख रुपए रोज का है।

----------

केले का प्रतिदिन कारोबार

40 लाख रुपए

----------

थोक मंडी में डेली कच्चा केला लाने वाली गाडि़यों की संख्या - 100

थोक मंडी में डेली आवक - 1900 से 2300 कुंतल

----------------------

रोज खपा रहे इतना जहर

- दो कुंतल कार्बाइड में पकाया जाता है 900 कुंतल केला

- एक लीटर केमिकल से पक जाते हैं 200 दर्जन केले

- 500 लीटर केमिकल से पकते हैं 100000 दर्जन केले

-----------

बॉक्स

फल की खरीदारी में बरतें सावधानी

एक कारोबारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंडी से कच्चा केला लेने के बाद कार्बाइड को कई भागों में बांटकर पुडि़या बनाकर केलों के बीच रख दिया जाता है। वहीं, इससे भी तेज केला पकाने के लिए ज्यादा केमिकल का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें एक बाल्टी में पानी लेकर उसमें केमिकल मिला दिया जाता है। इसके बाद सिर्फ कच्चे केले को उसमें डुबाकर बाहर निकाल लिया जाता है। इसके बाद केला थोड़ी देर में ही पक कर पीला हो जाता है।

कार्बाइड से पके केले से सावधान

डायटीशियन वर्तिका यादव बताती हैं कि कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस होता है। इससे एथिलिन ऑक्साइड गैस बनती है। इसके चलते पेट का खराब होना, उल्टी-दस्त, मुंह में छाले पड़ने जैसी समस्या हो सकती है। इससे पकाया गया फल रेग्युलरली खाने से आंत में अल्सर भी हो सकता है। आगे जाकर यह अल्सर ठीक नहीं होता है और विकराल रूप धारण कर लेता है। इससे कैंसर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। बच्चों में तो इसके चलते आंख की रोशनी भी कम हो सकती है।

वर्जन

कार्बाइड से पकाया गया फल रेग्युलरली खाने से आंत में अल्सर भी हो सकता है। आगे जाकर यह कैंसर का कारण भी बन सकता है। बच्चों में तो इसके चलते आंख की रोशनी भी जा सकती है।

- वर्तिका यादव, डायटीशियन

कार्बाइड व केमिकल से पकाए गए फलों का सेवन करना बेहद नुकसानदायक होता है। अगर इसका सेवन लंबे समय तक किया जाए तो आंत के लिए घातक होता है। फलों के इस्तेमाल में सावधानी बरतें। - डॉ। बीके सुमन, फिजिशियन