- मेडिकल में काउंसिलिंग जारी, स्टूडेंट््स में उबाल

- सब्सिडाइज सीट न मिलने पर स्टूडेंट्स में भारी आक्रोश

-हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, भविष्य से खिलवाड़ का आरोप

Meerut। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए काउंसिलिंग चल रही है। शनिवार को 10 हजार रैंक वाले स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग की गई। उधर, प्राइवेट कॉलेजों में सब्सिडाइज सीट पर दाखिला न मिलने पर स्टूडेंट्स में भारी आक्रोश है।

क्या है मामला

दरअसल, प्रदेश में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए 5400 सीटें हैं। इनमें से 3100 सीट एमबीबीएस और बीडीएस के लिए 2300 सीट शामिल हैं। सरकार की घोषणा के बाद कुल सीटों के सापेक्ष प्राइवेट कॉलेजों में 2700 सीट सरकारी फीस पर आरक्षित रखी गई थी। इस बीच मेरठ मेडिकल कॉलेज ने 36 हजार फीस में सीट दिलाने की पेशकश की थी। ऐसे में अधिकांश रैंकर्स स्टूडेंट्स ने मेरठ का रुख करते हुए अपने भविष्य का सुनहरा ख्वाब संजोया।

कॉलेज की ना पर भविष्य चूर

प्राइवेट कॉलेजों में सरकारी फीस पर अटके ये 2700 छात्र वो हैं, जिन्होंने नीट में 97.5 और 98.5 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। प्राइवेट कॉलेजों द्वारा सरकारी फीस पर सीट देने के इंकार से इन सैकड़ों होनहारों का भविष्य चौपट हो गया। सबसे अधिक छात्र दिल्ली एनसीआर और वेस्ट यूपी के रहने वाले हैं।

ये हैं प्राइवेट कॉलेज

मुजफ्फरनगर मेडिकल साइंस, सरस्वती हापुड़, इरा मेडिकल लखनऊ, तीर्थाकंर मुरादाबाद, रामा मेडिकल साइंस गाजियाबाद, रामा मेडिकल साइंस कानपुर, हिन्द मेडिकल साइंस नोएडा और हिन्द मेडिकल साइंस बारबंकी आदि।

सीएम को भेजा ज्ञापन

प्राइवेट कॉलेजों में सरकारी सीट न दिए जाने से आक्रोशित स्टूडेंट्स ने सीएम अखिलेश यादव को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। स्टूडेंट्स का नेतृत्व कर रही मीनल शर्मा ने बताया कि प्राइवेट कॉलेजों के इंकार से 2700 स्टूडेंट का भविष्य तबाह हो गया है। यदि सरकार से न्याय नहीं मिला तो वो हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे, जबकि न्याय न मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।