RANCHI: समायोजन नीति की मांग को लेकर राज्यभर के कांट्रैक्ट कर्मियों ने सोमवार को विधानसभा का घेराव कर दिया। झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पारा शिक्षक नेता विक्रांत ज्योति, एनआरएचएम कर्मी संघ के श्रीकांत श्रीवास्तव सहित तमाम कांट्रैक्ट कर्मी जुलूस की शक्ल में विधानसभा घेरने निकले थे, बिरसा चौक से निकलने के बाद एचईसी गेट पर ही सभी प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इसमें पारा शिक्षक नेता विक्रांत ज्योति और पारा शिक्षक सुमंत सिंह को चोट भी लगी है। प्रदर्शनस्थल पर रखी कुर्सियां भी टूट गईं। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी एचईसी गेट के पास ही धरना पर बैठ गए। इससे शाम सात बजे तक आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा।

विधायकों का मिला साथ

कांट्रैक्ट कर्मियों को पांच विधायकों का साथ मिला है। बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाडं़गी, सिल्ली के अमित महतो, जरमुंडी के बादल पत्रलेख, पाकुड़ के आलमगीर आलम, जामताड़ा के इरफान अंसारी, बरही के विधायक मनोज कुमार यादव प्रदर्शनस्थल पर पहुंचे और कांट्रैक्ट कर्मियों की मांगों को जायज ठहराया। विधायक कुणाल षाडं़गी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सत्ता के पहले बीजेपी ने जनता को अच्छे दिन के सपने दिखाए और वोट हासिल किया। लेकिन सत्तासीन सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र सामने आ गया है। राज्य भर के तमाम कांट्रैक्ट कर्मी एकजुट हों और सरकार की ईंट से ईंट बजा दें। सरकार नहीं चाहती है कि कांट्रैक्ट कर्मियों को उनका हक मिले। लिहाजा कांट्रैक्ट कर्मियों को हटाने का आदेश जारी किया गया।

आज भी करेंगे घेराव

झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के लोग बुधवार को भी प्रदर्शन करेंगे। महासंघ के नेता विक्रांत ज्योति ने बताया कि सरकार जब तक समायोजन नीति नहीं लागू करती है, आंदोलन जारी रहेगा।

विभिन्न विभाग के कर्मियों का जुटान

आंदोलन में बीआरपी सीआरपी महासंघ, एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी महासंघ, झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ, आइसीडीएस कर्मचारी संघ, डीआरडीए कर्मचारी संघ, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद कर्मी संघ, झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ, एमडीएम कंप्यूटर कर्मी संघ, झारखंड राज्य समावेशी शिक्षा संघ व आत्मा संघ के लोग शामिल हुए हैं।

बारिश में भी डटे रहे

सोमवार को दोपहर क्ख् बजे के बाद तेज बारिश हुई, लेकिन बारिश में भी कांट्रैक्ट कर्मी डटे रहे। छाता और प्लास्टिक का सहारा पाकर कर्मचारियों ने आंदोलन को जारी रखा।

क्या हैं मांगें

-विभिन्न विभागों में कार्यरत कांट्रैक्ट कर्मियों को योगदान के समय की योग्यता के अनुरूप नियमित कर्मचारी के रूप में समायोजित किया जाए।

-समायोजन की प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें नियमित कर्मचारी की सुविधा मिले।

-अनुबंध कर्मचारियों के संबंध में कार्मिक विभाग की ओर से जारी नोटिस को संशोधित किया जाए।