- आज और कल अपनी डिमांड्स को लेकर ब्लॉकों में देंगे धरना

- 27 एवं 28 को जिला मुख्यालयों में धरना देंगे टीईटी-एसटीईटी पासआउट्स

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PATNA: टीईटी-एसटीईटी पास आउट कैंडिडेट्स का आक्रोश मार्च पटना यूनिट की ओर से कारगिल चौक से निकाला गया। प्रदर्शनकारी चिल्ड्रेन पार्क होकर डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़ना चाह रहे थे। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सीएम का प्रोग्राम होने के कारण सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने आक्रोश मार्च को कारगिल चौक पर ही रोक दिया। मार्च को रोके जाने पर टीईटी-एसटीईटी कैंडिडेट्स व पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस दौरान यूनियन की ओर से वहां सभा का आयोजन किया गया। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। गवर्नमेंट टीचर्स की समस्याओं पर मौन है। टीचर्स एजुकेशन की प्रमुख रीढ़ हैं। टीचर्स के साथ संवाद किए बिना समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता है। सरकार को वार्ता के लिए आगे आना होगा। टीचर्स को नियमित वेतनमान मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। यूनियन गवर्नमेंट के खिलाफ में आंदोलन तेज करेगा। उन्होंने आगे बताया कि ख्ब् एवं ख्भ् अप्रैल को सभी ब्लॉकों में धरना दिया जाएगा। ख्7 एवं ख्8 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा। मार्च में आशा पांडे, ज्योत्सना, सौरव, रिम्पी, स्नेहा, जय प्रकाश सिंह, प्रमोद कुमार, आशीष अक्षत प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

टीचर्स ने निकला अर्थी जुलूस

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोपगुट) की ओर से जारी हड़ताल के क्भ् वें दिन भी जारी रहा। इस अवसर पर पटना के कई ब्लाकों में सीएम का अर्थी जुलूस निकाली गई। जुलूस में सीएम व एजुकेशन मिनिस्टर के खिलाफ नारे लगा रहे थे।

आंदोलन से बर्बाद हो रहा गवर्नमेंट एजुकेशन

बिहार में टीचर्स की स्ट्राइक के कारण स्टेट में एजुकेशन सिस्टम बर्बाद हो रहा है। स्टेट गवर्नमेंट और टीचर्स के विभिन्न यूनियनों के बीच तकरार के कारण प्राय: स्कूलों में ताले लटके रहे। बच्चे स्कूलों के पास पहुंच कर लौट रहे हैं। टीचर्स यूनियन व टीईटी-एसटीईटी पास कैंडिडेट्स एक साथ विभिन्न स्तरों पर धरना-प्रदर्शन, मार्च, जुलूस निकाल रहे हैं।

टेट से बाहर नहीं मिल पाएगा एडमिशन

स्टेट में टीचर्स की स्ट्राइक के कारण सबसे ज्यादा असर बिहार बोर्ड से दसवीं के एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। स्ट्राइक के कारण क्0वीं बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन बाधित हो रहा है। बोर्ड के बाद प्लस टू में एडमिशन की चाहत रखने वाले स्टूडेंट के सामने बड़ी चुनौती है कि वे स्टेट के बिहार बोर्ड को छोड़कर किसी भी बोर्ड से या किसी अन्य स्टेट से इंटर नहीं कर पाएंगे। बीते साल इंटर में रिजल्ट में गड़बड़ी के कारण कई स्टूडेंट को इंजीनियरिंग, मेडिकल, आदि कोर्स में एडमिशन से हाथ धोना पड़ा था।