- सिटी के 5 सबसे प्रमुख सड़क का पिछले दो साल से नहीं हुआ निर्माण

- दो साल से हर बार निकलता है टेंडर, लेकिन ठेकेदार नहीं डालते कोटेशन

GORAKHPUR: लगता है जीएमसी को अधूरे काम करने की आदत है। तभी तो सिटी की पांच प्रमुख सड़कों का टेंडर तो निकला, लेकिन किसी टेंडर ने इन सड़कों को बनाने में रूचि नहींदिखाई। इन रोड्स के लिए दो साल में पांच बार टेंडर निकलने के बाद भी रोड नहींबनी। जीएमसी भी इतना करके चुपचाप बैठ जाता है।

केवल टेंडर निकलता है इनका

तरंग क्रासिंग से हड़हवा फाटक क्.ख्भ् करोड़

घोसकंपनी से रेती ब्0 लाख

जिला उद्योग से राम नगर चौराहे तक फ्भ् लाख

दुर्गापुरम से जसवाल भवन तक फ्फ् लाख

नार्मल कब्रिस्तान से सुल्तान खां मस्जिद तक क्8 लाख

कितनी महत्वपूर्ण है यह रोड

सिटी में तीन ऐसी सड़कें हैं जो व्यापारिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। घोसकंपनी से रेती चौक पर पूरी रोड टूट चुकी है। इस रोड से डेली कम से कम ख् हजार से अधिक व्यापारी अपना माल लेकर आते जाते हैं। वहीं पांडेयहाता से मुंशीप्रेम चंद पार्क तक दो गलियों से गोरखपुर के दक्षिणांचल के व्यापारी अपना सामान लेकर जाते हैं। गोरखपुर के पूरब के व्यापारी इलाहीबाग से अपना सामन लेकर आते जाते है। इनके निर्माण के लिए भ् बार से अधिक बार टेंडर निकल चुका है, लेकिन निविदा लेने के लिए जीएमसी का कोई ठेकेदार तैयार नहीं होता है।

ओबर ब्रिज से उतरते ही गड्ढे ही गड्ढे

तरंग क्रासिंग से हड़हवा फाटक को जोड़ने वाली सड़क पिछले दो साल में गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। कभी किसी बड़े नेता के दबाव में कहीं-कहीं जीएमसी की ओर से खंड़जा बिछा दिया गया है। इस रोड से डेली कम से कम भ्0 हजार पब्लिक अवागमन करती है, लेकिन इनकी सुध लेने के लिए अफसर अपनी जिम्मेदारी नहीं उठाते हैं। संजय शिलांकुर का कहना है कि कई बार रोड बनाने के लिए नगर आयुक्त को कंप्लेन की जा चुकी है। उनका एक ही जवाब था कि जब कोई टेंडर नहींडाल रहा है तो वे सड़क कैसे बनवाएं। पब्लिक का कहना है कि

अगर हॉट मिक्स वाले टेंडर नहीं डाल रहे हैं तो मैनुअल बनाने के लिए टेंडर करा दिया जाए।

मजबूत और जल्दी बनती सड़कें

नगर निगम के जेई नर्वदेश्वर पांडेय का कहना है कि लंबी सड़क का निर्माण हॉट मिक्स प्लांट से कराया जाता है। हाट मिक्स की खूबी होती है कि इससे सड़कें जल्दी और मजबूत बनती हैं। इनके बनाने में लागत भी कम आती है।

तो इसलिए नहीं बनती है

- हॉट मिक्स प्लांट वाले फर्म के पास काम अधिक होना

- हॉट मिक्स प्लांट वाले फर्म के पास पीडब्ल्डी जैसे बड़े संस्थानों का काम होना

- छोटे-छोटे कामों में फर्म की रुचि न लेना

- पांच में से केवल ख् ही हॉट मिक्स प्लांट की फर्म है जीएमसी के पास

- छुटभैया नेताओं का इन कामों में अधिक हस्तक्षेप होना

सड़क लंबी है और बड़ी है। इसे मैनुअली बनाने में पैसा तो ज्यादा लगेगा ही साथ ही सड़क की लाइफ भी ज्यादा नहींहोगी। यह सभी सड़कें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, इसलिए हॉट मिक्स प्लांट से ही निर्माण हो सकता है। इस बार के टेंडर में हॉट मिक्स प्लांट वाले फर्म को बुलाया जाएगा।

एसके केशरी,

प्रभारी चीफ इंजीनियर जीएमसी